Friday, November 19, 2021

अपने सनातन संस्कृति को बचाओं

  

ये पाँच करोड़़ी बाँह मरोड़ी, बंगलादेशी किसने जोड़ी। 

बंगाल असम बिहार हजम, आबाद आबादी किसने तोडी़। 


और पाँच लाख कश्मीरी हिंदू, दर दर भटकें ये हाल किया। 

वोटबैंक बस सधा रहे, रत्ती का नहीं मलाल किया। 


कश्मीर बनाया कैराना, धूलागढ माल्दा झाँकी है। 

कुन्नूर केरला का कहता, चड्ढी लंगोट तो बाकी है। 


गोरी गजनी अकबर महान, औरंगजेब तो दयावान। 

बीर मराठे चोर उच्चके, सिख गुरूओं का कौन मान। 


एेसा ही इतिहास लिखाया, चोल अहोम का नाम मिटाया। 

ताजमहल को माथ धरे, अजंता एलोरा को झुठलाया। 


आर्यभट्ट बाराह मिहिर, तुम पर कर देते घना तिमिर। 

कम्पुटर की भाषा संस्कृत, करती तुमको अतिशय बिचलित। 


तुम कालिदास के काल बने,शेक्सपियर के ढाल बने। 

छोड़ ब्यास बाल्मिकी बिदुर, इकबाली सुरताल बने। 


देश बंटे और हिंदू घटे, नक्सलवादी आकाश चढ़े। 

सिख जैन लिंगायत तक, तेरी करनी का भेंट चढ़े। 


                               

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