Tuesday, December 20, 2022

धर्मरक्षापञ्चाङ्गम् panchang 2023-24

 *🚩जय श्री राम🚩*



सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए धर्मरक्षापञ्चाङ्गम् को प्रकाशित किया जाता है। 🚩यह पंचांग सभी के लिए उपयोगी एवं सरल है अतः आपलोग इस पंचांग का अध्ययन और व्यवहार करें तथा अपने मित्रों के पास भेजें और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करें|


          *धर्मरक्षापञ्चाङ्गम्,* 

          *प्रस्तुति- पं. श्री संतोष तिवारी*  



 पञ्चाङ्ग प्राप्त करने के लिए निम्न फॉर्मेट को भरें।👇👇



https://forms.gle/pz8PRFXFPRnXvpuP6



👆👆👆यदि उपरोक्त लिंक नहीं खुले तो मेरे पास या अपने मित्रों के पास इस पोस्ट को भेजें। जब आप इसे मेरे पास या किसी अन्य मित्रों को भेजते हो तो यह लिंक नीला हो जायेगा। अब लिंक पर क्लिक करें, लिंक खुलेगा।


*🏹🏹🚩जय श्री राम🚩🏹🏹*


*धर्मरक्षापञ्चाङ्गम् २०२३-२४*


*उद्देश्य-* सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो और हमारा भारतवर्ष पुनः विश्व का पथप्रदर्शक बने। 


*किसके लिए उपयोगी है?*

यह पञ्चाङ्ग बच्चों, बड़ों-बुजुर्गों, माताओं, बहनों आदि सभी के लिए उपयोगी एवं सरल है।

*क्या है इसमें?*

इस पञ्चाङ्ग में काम्य प्रयोग, ग्रहण विवरण, राशिफल, वर्षफल, स्पष्टग्रहा:, पञ्चाङ्ग, मुहूर्त, व्रत-त्योहार, सुभाषित श्लोक, नीति विषयक श्लोक, विद्यार्थी के लिए ज्ञानप्रद उपदेश, सनातन संस्कृति का परिचय, वास्तुशास्त्र, कर्मकाण्ड, पूजा-पाठ के नियम,क्या भक्षण करना चाहिए और क्या नहीं, धर्मशास्त्र आदि से सम्बन्धित अधिकाधिक आवश्यक जानकारी अति सरलता पूर्वक दिया गया है।


 अतः आपलोग इस पंचांग का अध्ययन और व्यवहार करें तथा अपने मित्रों के पास भेजें और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करें|


          *धर्मरक्षापञ्चाङ्गम्,* 

          *प्रस्तुति- पं. श्री संतोष तिवारी*  



 पञ्चाङ्ग प्राप्त करने के लिए निम्न फॉर्मेट को भरें।👇👇



https://forms.gle/pz8PRFXFPRnXvpuP6



👆👆👆यदि उपरोक्त लिंक नहीं खुले तो मेरे पास या अपने मित्रों के पास इस पोस्ट को भेजें। जब आप इसे मेरे पास या किसी अन्य मित्रों को भेजते हो तो यह लिंक नीला हो जायेगा। अब लिंक पर क्लिक करें, लिंक खुलेगा।

Saturday, December 17, 2022

मन की अमीरी

 (((( मन की अमीरी ))))

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बहुत सालों के बाद दो दोस्त रास्ते में मिले।  

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धनवान दोस्त ने अपनी आलीशान गाड़ी साइड में रोकी और गरीब दोस्त से कहा चल इस गार्डन में बैठकर दिल की बातें करते हैं।  

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चलते चलते उस अमीर दोस्त ने अपने गरीब दोस्त को बहुत गर्व से कहा..

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आज तेरे और मेरे में बहुत फर्क है... हम दोनों एक साथ पढ़े, साथ ही बड़े हुए लेकिन देखों आज मैं कहाँ पहुच गया और तूँ तो बहुत पीछे रह गया ?

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चलते चलते गरीब दोस्त अचानक रुक गया। 

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अमीर दोस्त ने पूछा क्या हुआ ?  

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गरीब दोस्त ने कहा, तुझे कुछ आवाज सुनाई दी ?

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अमीर दोस्त पीछे मुड़ा और पाँच का सिक्का उठाकर बोला ये तो मेरी जेब से गिरे पाँच के सिक्के की आवाज़ थी। 

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लेकिन गरीब दोस्त एक काँटे की छोटी सी झाड़ी की तरफ गया, जिसमें एक तितली फँसी हुई थी और छूटने के लिये पँख फडफडा रही थी।  

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गरीब दोस्त ने उस तितली को धीरे से काँटों की झाड़ी से बाहर निकला और आकाश में उड़ने के लिये आज़ाद कर दिया।

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अमीर दोस्त ने बड़ी हैरानी से पुछा, तुझे इस तितली की आवाज़ कैसे सुनाई दी?

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गरीब दोस्त ने बड़ी नम्रता से कहा  "तुझ में और मुझ में बस यही फर्क है तुझे केवल "धन" की  आवाज़ सुनाई देती है और.. 

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मुझे  दुखी "मन" की आवाज़ें भी सुनाई देती हैं, जिससे मुझे उनकी सेवा करने का मौका मिलता है ।

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                     "हे प्रभु" ! 

         मुझे इतनी ऊँचाई न देना कि 

      अपनी धरती ही पराई लगने लगे।

         इतनी खुशियाँ भी ना देना कि

     दूसरों के दुःखों पर हँसी आने लगे।

        मुझे नहीं चाहिए ऐसा भाव कि 

किसी की तरक्की को देख जल-जल मरूँ।

           मुझे ऐसा ज्ञान भी न देना, 

        जिसका अभिमान होने लगे

        मुझे ऐसी चतुराई भी न देना 

          जो लोगों को छलने लगे 

              मुझे ख्वाहिश नहीं 

   बहुत मशहूर या बहुत अमीर होने की। 

         एक नेक इन्सान के रूप में

            सब मुझे पहचानते हों 

           बस इतना ही काफी है।

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 जय श्री राम🚩