Sunday, November 21, 2021

ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर राजस्थान

 *🛕ब्रह्म मन्दिर, पुष्कर(राजस्थान)*


*🕉️पुष्कर राजस्थान में विख्यात तीर्थस्थान है। यह राजस्थान के अजमेर जिले में है। मंदिर मूल रूप से 14वीं सदी में बनाया गया था। यह मंदिर ब्रह्मा का एकमात्र मन्दिर है। पुष्कर अजमेर शहर से 14 की.मी दूरी पर स्थित है। मंदिर पुष्कर झील के किनारे पर स्थित है।*


*🕉️पुष्कर के उद्धव का वर्णन प्रद्मपुराण में मिलता है। मान्यता है कि ब्रह्मों ने यहां आकार यज्ञ किया था। महाभारत के वन पर्व के अनुसार श्रीकृष्ण ने पुष्कर में दीर्घकाल तक तपस्या की थी। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने भी अपने पिता दशरथ का श्राद्ध पुष्कर में किया था।* 


*🕉️ब्रह्मा के मंदिर के अरिक्ति यहां सावित्री, बदरीनारायण, वाराह और शिव आत्मेश्वर के मंदिर है। यहां के प्राचीन मंदिरों को मुगल आक्रांता औंरगजेब ने नष्टभ्रष्ट कर दिया था। पुष्कर का उल्लेख रामायण में भी हुआ है।*

मिस्र में मिला सूर्य मंदिर

 


*🔊मिस्र में एक 4,500 वर्ष पुराना सूर्य मंदिर जमीन से निकाला गया है। माना जाता है कि प्राचीन मिस्र में वहां के पिरामिड काल के राजाओं ने सूर्य की उपासना को प्रचलित करने के उद्देश्य से अनेक सूर्य मंदिर बनवाए थे।* 


*🔰पुरातत्वविदों ने ऐसे लगभग 6 सूर्य मंदिरों की खोज की है, लेकिन अभी तक एक मंदिर के अवशेष खुदाई से प्राप्त हुए हैं।*


*🔰लेकिन इससे यह तो तय है कि प्राचीन काल में मिस्र के लोग सूर्य देव और सनातन संस्कृति की उपासना करते थे।*


 *सनातन संस्कृति 🙏🧡🚩*

Friday, November 19, 2021

अपने सनातन संस्कृति को बचाओं

  

ये पाँच करोड़़ी बाँह मरोड़ी, बंगलादेशी किसने जोड़ी। 

बंगाल असम बिहार हजम, आबाद आबादी किसने तोडी़। 


और पाँच लाख कश्मीरी हिंदू, दर दर भटकें ये हाल किया। 

वोटबैंक बस सधा रहे, रत्ती का नहीं मलाल किया। 


कश्मीर बनाया कैराना, धूलागढ माल्दा झाँकी है। 

कुन्नूर केरला का कहता, चड्ढी लंगोट तो बाकी है। 


गोरी गजनी अकबर महान, औरंगजेब तो दयावान। 

बीर मराठे चोर उच्चके, सिख गुरूओं का कौन मान। 


एेसा ही इतिहास लिखाया, चोल अहोम का नाम मिटाया। 

ताजमहल को माथ धरे, अजंता एलोरा को झुठलाया। 


आर्यभट्ट बाराह मिहिर, तुम पर कर देते घना तिमिर। 

कम्पुटर की भाषा संस्कृत, करती तुमको अतिशय बिचलित। 


तुम कालिदास के काल बने,शेक्सपियर के ढाल बने। 

छोड़ ब्यास बाल्मिकी बिदुर, इकबाली सुरताल बने। 


देश बंटे और हिंदू घटे, नक्सलवादी आकाश चढ़े। 

सिख जैन लिंगायत तक, तेरी करनी का भेंट चढ़े। 


                               

शाकाहारी बनो

 कंद-मूल खाने वालों से मांसाहारी डरते थे।

पोरस जैसे शूर-वीर को नमन सिकंदर करते थे॥


चौदह वर्षों तक खूंखारी वन में जिसका धाम था।

राक्षसों का वध करने वाला शाकाहारी राम था॥


चक्र सुदर्शन धारी थे हर दुर्जन पर भारी थे।

वैदिक धर्म पालन करने वाले कृष्ण शाकाहारी थे॥


शाकाहार के मन्त्र को महाराणा ने मन में ध्याया था।

जंगल जाकर प्रताप ने घास की रोटी को खाया था॥


सपने जिसने देखे थे वैदिक धर्म के प्रचार के।

दयानंद जैसे महामानव थे वाचक शाकाहार के॥


उठो जरा तुम पढ़ कर देखो अपने गौरवमयी इतिहास को।

क्यों तुमने अपना लिया ईसा मूसा के खाने खास को ?


दया की आँखे खोल कर देखो निरीह पशु के करुण क्रंदन को।

इंसानों का जिस्म बना है शाकाहारी भोजन को॥


अंग लाश के खा जाए क्या फ़िर भी वो इंसान है?

पेट तुम्हारा मुर्दाघर है या कोई कब्रिस्तान है?


आँखे कितना रोती हैं जब उंगली अपनी जलती है।

सोचो उस तड़पन की हद जब जिस्म पे आरी चलती है॥


बेबसता तुम पशु की देखो बचने के आसार नही।

जीते जी तन काटा जाए उस पीडा का पार नही॥


खाने से पहले बिरयानी चीख जीव की सुन लेते।

करुणा के वश होकर तुम भी गिरी गिरनार को चुन लेते॥


मांसाहार त्यागो ... शाकाहारी बनो !

Friday, November 12, 2021

भोग नन्दीश्वर मंदिर, कर्नाटक

 


*🛕भोग नन्दीश्वर मंदिर,*

 *चिकबलापुरा,(कर्नाटक)🛕*


*🔶भगवान शिव को समर्पित यह विशाल व अद्भुत मंदिर कर्नाटक राज्य के बैंगलोर शहर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर चिकबलापुरा शहर में नंदी की पहाड़ियों पर स्थित है।*


*🔶यह मंदिर 9वीं शताब्दी में बना कर्नाटक राज्य के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है जो भगवान शिव को समर्पित है। इसका निर्माण नोलाम्बा के शासकों द्वारा करवाया गया था। बाद में समय- समय पर विभिन्न राजाओं द्वारा इसके निर्माण को आगे बढ़ाया गया जिसमे बाना, गंगा, चोला व विजयवाड़ा के राजवंश प्रमुख थे।*


*🔶 यह मंदिर प्राचीन सभ्यता में बने उत्कृष्ट कला का एक जीवंत उदहारण है जिसे पहाड़ियों के बीच बनाया गया है। इसकी सुंदरता का अनुमान आप इसी बात से ही लगा सकते है कि यह मंदिर चारो ओर से 5 पहाड़ियों ब्रह्मगिरी, विष्णुगिरी, स्कंदगिरी, दिव्यगिरी व नंदी दुर्गा से घिरा हुआ है जो इसे और भी अद्भुत बनाती है।*


*🔶 "अरुणाचलेश्वर" और शिव के "भोग नंदेश्वर" रूपों का प्रतिनिधित्व हिंदू कथा के अनुसार, भगवान शिव के जीवन में दो चरण हैं: बचपन और युवा। "उमा-महेश्वरा" मंदिर में तीसरे चरण में शिव पार्वती देवी के विवाह का चित्रण है।*

श्री कालभैरवेश्वर स्वामी मंदिर, कर्नाटक


 *🛕श्री कालभैरवेश्वर स्वामी मंदिर, अदीचूंचनागिरी(कर्नाटक)*


*♦️यह पुराने मंदिरों में से एक है जिसका इतिहास लगभग 2000 वर्षों पुराना है। मंदिर, मांड्या जिले कर्नाटक के अदिचुनगनागिरी पहाड़ियों में 3,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।*


*♦️आदिरूद्र ने यह मंदिर कुछ योगों के अनुसार सिद्ध योगी को दिया था। अब वर्तमान प्रमुख श्री श्री श्री निर्मलानंदनाथ स्वामीजी हैं, जो इस मन्दिर के 72 वें गुरु हैं। यहां आध्यात्मिकता के लिए व्याख्या प्राकृतिक अनुनाद के साथ-साथ सभी यज्ञ और प्रार्थनाएं की जाती हैं।*


*♦️यह घने जंगल से घिरा हुआ है जहाँ मुक्त घूमते हुए मोर देख सकते हैं। इसे मयूरवन भी कहा जाता है। यहाँ पूजे जाने वाले भगवान गंगाधरेश्वर हैं।*


*♦️श्री कालभैरवेश्वरस्वामी मंदिर: ये वैभवशाली तथा राजसी मंदिर श्रीक्षेत्र आदिचुंचनगिरि में बनाया गया है जहाँ सभी पारंपरिक मूल्यों की शिक्षा दी जाती है। यह प्राचीन मठ का मुख्यालय मूल रूप से भगवान गणेश और भगवान सुब्रह्मण्य के साथ कालभैरव, अष्टभैरव, अष्टाध्यायविग्रह की जीवंत छवियों के साथ एक गतिशील मन्दिर परिसर है।*

जय बाबा केदारनाथ

 


बाबा केदारनाथ और भीमशिला आज दोनों एक दूसरे के तारणहार हो चुके हैं....

भीमशिला ने जहां 2013 के त्रासदी में बाबा केदारनाथ धाम ज्योतिर्लिंग मन्दिर की महाप्रलय से रक्षा की, तो वहीं इस सेवाभाव के बदले बाबा ने भीमशिला को पूजनीय बनाकर अमर कर दिया...!! 


आज भारतीय पुरातत्व विभाग आश्चर्यचकित है कि बाबा केदारनाथ मंदिर के चौड़ाई के ही बराबर का ये भीमशिला आखिर प्रकट कहाँ से हुआ...?


 आज पूरी दुनियां का हिन्दू समाज व अन्य धर्मों के लोग भी इस चमत्कार को नमस्कार कर रहे हैं.... 


तो आइये आप सब भी दर्शन कीजिये मन्दिर के पीछे स्थित भीमशिला का, जो 2013 में आई आपदा के समय हिंदुओं के महादेव का रखवाला बन केदारनाथ मंदिर के पीछे अपना गदा गाड़कर पूरे प्रलय का अभिमान चकनाचूर कर मन्दिर को लेशमात्र भी क्षति नही होने दिया...!! 


बाद में पूरी बाढ़ के पानी तथा उसके साथ आने वाले बड़े-बड़े पत्थरों को इसी शिला ने रोक कर केदारनाथ मंदिर की रक्षा की थी। भीमशिला की चौड़ाई मन्दिर की चौड़ाई के बिलकुल बराबर है...!! 


भोले बाबा की महिमा वही जानें...हम बाबा केदारनाथ की जय जयकार कर उनका गुणगान करें. ..!! 


हर हर महादेव 🔱

उंदावली की गुफा, आंध्रप्रदेश

 

*🛕उंदावली की गुफा,*

*विजयवाड़ा(आंध्र प्रदेश)🛕*

*____________________________*

*⚜️विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश के पूर्व-मध्य में कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। दो हज़ार वर्ष पुराना यह शहर बैजवाड़ा के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम देवी कनकदुर्गा के नाम पर है, जिन्हें स्थानीय लोग विजया कहते हैं। यहाँ की गुफाओं में उंद्रावल्ली की प्रमुख गुफा है, जो सातवीं सदी में बनाई गई थी।*

*⚜️ शयन करते भगवान विष्णु की एक शिला से निर्मित मूर्ति यहाँ की कला का श्रेष्ठ नमूना है। विजयवाड़ा के दक्षिण में 12 किलोमीटर दूर मंगलगिरि की पहाड़ी पर विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह का विख्यात मंदिर है।*

*⚜️इसे ग्रेनाइट चट्टान के सिर्फ एक खंड से बनाया गया है। इस स्थान पर दूसरे भगवान को समर्पित और भी कई गुफाएं हैं। बरसात के समय में साधू इसका उपयोग आराम के लिए करते हैं। गुफा का सामने वाला हिस्सा कृष्णा नदी की ओर है।*

*⚜️ गुफा में उकेरे गए चित्र बहुत सटीक और महीन है। निचले हिस्से की दीवारों पर भगवान विष्णु के अवतारों को उकेरा गया है। लगता है जैसे मशीन से बनाए गए हैं। कौन कह सकता है कि गुफाएं 7वी सदी से पहले की बनी हुई है।*

शिव लिंग का वैज्ञानिक स्वरूप


 #शिवलिंग कोई साधारण (मूर्ती) नहीं है पूरा विज्ञान है !


शिवलिंग में विराजते हैं तीनों देव:---

सबसे निचला हिस्सा जो नीचे टिका होता है वह ब्रह्म है, दूसरा बीच का हिस्सा वह भगवान विष्णु का प्रतिरूप और तीसरा शीर्ष सबसे ऊपर जिसकी पूजा की जाती है वह देवा दी देव महादेव का प्रतीक है, शिवलिंग के जरिए ही त्रिदेव की आराधना हो जाती है तथा अन्य मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग का निचला नाली नुमा भाग माता पार्वती को समर्पित तथा प्रतीक के रूप में पूजनीय है....अर्थात शिवलिंग के जरिए ही त्रिदेव की आराधना हो जाती है। अन्य मान्यता के अनुसार, शिवलिंग का निचला हिस्सा स्त्री और ऊपरी हिस्सा पुरुष का प्रतीक होता है। अर्थता इसमें शिव और शक्ति, एक साथ में वास करते हैं।


▪️ #शिवलिंग_का_अर्थ: 

शास्त्रों के अनुसार 'लिंगम' शब्द 'लिया' और 'गम्य' से मिलकर बना है, जिसका अर्थ 'शुरुआत' व 'अंत' होता है। तमाम हिंदू धर्म के ग्रंथों में इस बात का वर्णन किया गया है कि शिव जी से ही ब्रह्मांड का प्राकट्य हुआ है और एक दिन सब उन्हीं में ही मिल जाएगा।


▪️ #शिवलिंग_में_विराजते_त्रिदेव: 

हम में लगभग लोग यही जानते हैं कि शिवलिंग में शिव जी का वास है। परंतु क्या आप जानते हैं इसमें तीनों देवताओं का वास है। कहा जाता है शिवलिंग को तीन भागों में बांटा जा सकता है। सबसे निचला हिस्सा जो नीचे टिका होता है, दूसरा बीच का हिस्सा और तीसरा शीर्ष सबसे ऊपर जिसकी पूजा की जाती है।


निचला हिस्सा ब्रह्मा जी ( सृष्टि के रचयिता ), मध्य भाग विष्णु ( सृष्टि के पालनहार ) और ऊपरी भाग भगवान शिव ( सृष्टि के विनाशक ) हैं। अर्थात शिवलिंग के जरिए ही त्रिदेव की आराधना हो जाती है। तो वहीं अन्य मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग का निचला हिस्सा स्त्री और ऊपरी हिस्सा पुरुष का प्रतीक होता है। अर्थता इसमें शिव-शक्ति, एक साथ वास करते हैं।


▪️ #शिवलिंग_की_अंडाकार_संरचना

कहा जाता है शिवलिंग के अंडाकार के पीछे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक, दोनों कारण है। अगर आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए तो शिव ब्रह्मांड के निर्माण की जड़ हैं। अर्थात शिव ही वो बीज हैं, जिससे पूरा संसार उपजा है। इसलिए कहा जाता है यही कारण है कि शिवलिंग का आकार अंडे जैसा है। वहीं अगर वैज्ञानिक दृष्टि से बात करें तो 'बिग बैंग थ्योरी' कहती है कि ब्रह्मांड का निमार्ण अंडे जैसे छोटे कण से हुआ है। शिवलिंग के आकार को इसी अंडे के साथ जोड़कर देखा जाता है।


🚩🚩🔱🔱🔱 ॐ नम:शिवाय: 🔱🔱🔱🚩🚩

दिल को छुने वाले कविता

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🌷 *सत्य सनातन धर्म की जय हो, अधर्मियों का नाश हो* 🌷

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            *वीर शिवाजी की शमशीरें,*

            *जयसिंह ने ही रोकी थी।*

            *पृथ्वीराज की पीठ में बरछी,*

            *जयचंदों नें भोंकी थी।।*


            *हल्दीघाटी में बहा लहू,*

            *शर्मिंदा करता पानी को।*

            *राणा प्रताप सिर काट काट,*

            *करता था भेंट भवानी को।।*


            *राणा रण में उन्मत्त हुआ,*

            *अकबर की ओर चला चढ़ के।*

            *अकबर के प्राण बचाने को,*

            *तब मान सिंह आया बढ़ के।।*


            *इक राजपूत के कारण ही,*

            *तब वंश मुगलिया जिंदा था।* 

            *एक हिन्दू की गद्दारी से*

            *चित्तौड़ हुआ शर्मिंदा था।।*


            *जब रणभेरी थी दक्खिन में,*

            *और मृत्यु फिरे मतवाली सी।*

            *और वीर शिवा की तलवारें,*

            *भरती थीं खप्पर काली सी।।*


            *किस म्लेच्छ में रहा जोर,*

            *जो छत्रपती को झुका पाया।*

            *ये जयसिंह का ही रहा द्रोह,*

            *जो वीर शिवा को पकड़ लाया।।* 


            *गैरों को हम क्योंकर कोसें,*

            *अपने ही विष बोते हैं।*

            *कुत्तों की गद्दारी से,*

            *मृगराज पराजित होते हैं।।*


            *गांधी के मौन से हमने,* 

            *भगत सिंह को खोया है।*

            *धीरे हॉर्न बजा पगले,*

            *देश का हिन्दू सोया है।।*

    🌻⚔🚩 *जय महाकाल*🚩⚔ 🌻

     🌞🍁🚩 *शुभप्रभात*🚩🍁🌞

    💥🏹🚩 *जय श्रीराम*🚩🏹💥

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Tuesday, November 2, 2021

जाखू मन्दिर, शिमला

 


*👆🏻🛕अपने सामर्थ्य को पहचानो🛕👇🏻*


*🛕जाखू मंदिर, शिमला🛕*



*🔶शिमला के जाखू में स्थित हनुमान मंदिर एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है जहां देश-विदेश से लोग दर्शन करने आते हैं।* 


*🔶शिमला से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर यह सुंदर मंदिर स्थित है। जाखू मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति देश की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है जो (108 फीट) ऊंची है। इस मूर्ति के सामने आस-पास लगे बड़े-बड़े पेड़ भी छोटे लगते हैं।*


*🔶इस मंदिर को हनुमान जी के पैरों के निशान के पास बनाया गया है। इस मंदिर को रामायण काल के समय का बताया जाता है। जाखू मंदिर में हनुमान जी की एक बड़ी मूर्ति है जो शिमला के अधिकांश हिस्सों से दिखाई देती है।*


*🔊सनातन की सभ्यता,कला, ज्ञान,सामर्थ्य आदि के कारण भारत विश्व गुरु था किन्तु हिन्दुओ के अहंकार,जातिवाद, लालच एंव कायरता के चलते ना केवल हजार साल ग़ुलाम रहा अपितु पुनः अब विनाश की और अग्रसर हो रहा है*


*🔊समय की मांग पहचान समय रहते जातिवाद, मत/भाषा/क्षेत्र का भेद ,स्वार्थ एवं कायरता छोड़ जागो हिन्दुओ*

*अन्यथा ना राष्ट्र,धर्म का अस्तित्व बचेगा ना तुम्हारे प्राण ना बहन बेटियों की आन*