विभिन्न टोट्के
चंदन की लकड़ी पर श्री खुदवाकर धन स्थान पर रखें तो धन वृद्धि व धन की हर तरह से सुरक्षा होती है।
आइए हकीक के कुछ लाभदायक प्रयोग करें-
1 हकीक अपने आप में लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, जिसके घर में दरिद्रता हो उसको चाहिए की दीपावली के दिन मंत्र सिद्ध 21 हकीक पत्थर लेकर जमीन में गाड दें तो उस दिन से ही उसके घर में आर्थिक उन्नति होने लगती है।
2 जो व्यक्ति श्रेष्ठ धन की इच्छा रखता है उनको चाहिए कि हकीक पत्थर लेकर उसके ऊपर लक्ष्मी का चित्र या विग्रह स्थापित करें। तो निश्चय ही उसके घर में आर्थिक उन्नति होती ही रहती है।
3 यदि 11 हकीक पत्थर लेकर किसी मदिंर में चढा दें और कहें कि मैं अमुक कार्य में विजयी होना चाहता हूँ तो निश्चय ही उस कार्यो में विजय प्राप्त करता है।
4 यदि 11 हकीक पत्थर पर शत्रु का नाम लेकर यदि जमीन में गाड दें तो उसी समय में शत्रु का पतन प्रारम्भ हो जाता है।
5 सतांन सुख के लिए दीपावली के दिन या किसी शुभ महूर्त पर 21 हकीक पत्थर लेकर पूजा करके ऊँ श्री पुत्राय महालक्ष्म्यै नमः कहकर जल में फैंकता है। तो शीघ्र ही उसके घर में पुत्र की प्राप्ति होती है।
6 दीपावली के दिन या किसी शुभ महूर्त पर लक्ष्मीं पूजन के समय दो हकीक लक्ष्मी जी के चरणो में रखे। पूजन के उपरान्त रात्रि में इन दोनो हकीक पत्थरों को घर में किसी कोने में भूमि खोद कर गाड दें इस प्रयोग से लक्ष्मी आप पर प्रसन्न होगी और शीघ्र ही आर्थिक उन्नति से अनुभव करेगें।
7 दीपावली के दिन या किसी शुभ महूर्त पर लक्ष्मी पूजन के पश्चात एक हकीक पत्थर अपने दाएं हाथ की मुठठी में बंद कर लें और फिर "श्री" शब्द का 21 बार मानसिक जाप अर्थात मन में जाप करें और फिर इस पत्थर को अपने गल्ले में, बाक्स में, तिजोरी में रख दें। आप देखेगें कि नित्य प्रति आय की आवक बढ रही है।
8 ऐसे व्यक्ति जो आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहें हैं उन्हे तो यह प्रयोग अवश्य ही करने चाहिए। दीपावली के दिन या किसी शुभ महूर्त पर रात्रि में पूजा-उपासना करने के पश्चात एक हकीक माला लें और उससे 108 बार "ऊँ हीं हीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नमः " मंत्र का जाप करें। इसके बाद इस माला को अपने पूजा घर में रखें अथवा महालक्ष्मी के चित्र में चढा दें। शीघ्र ही आप स्वंय को आर्थिक रूप से दृढ पाएगें।
गुरुवार को लक्ष्मीनारायण मंदिर में जा के भगवान विष्णु को कलिंगी चढ़ाएं तथा शुद्ध घी से बने पांच लड्डुओं का भोग चढ़ाएं। उन्हें प्रणाम कर मन की अभिलाषा वयक्त करें। तो निस्चय ही 3 माह से ले के एक साल के भीतर कन्या की विवाह हो जाता हैं ऐसा माना जाता हैं।
जो भी व्यक्ति कर्ज से परेशान है या फिर उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। ऐसे लोग ये उपाय करें तो लाभ मिलेगा। जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण जी की मूर्ति के समक्ष तीन मुट्ठी चावल एक पीले कपड़े में बांधकर रख दें और उसके पश्चात विधिवत पूजन करें। दूसरे दिन उन्हीं चावलों की खीर बनाकर सभी लोग ग्रहण करें
कर्ज से मुक्ति चाहिए तो यह उपाय करें
कर्ज से परेशान लोग हर रोज चींटियों को शक्कर और आटा डालें। ऐसा करने पर कर्ज की समाप्ति जल्दी हो जाती है। धन संबंधी कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं।
रावण संहिता के अनुसार कुछ ऐसे तांत्रिक उपाय जिनसे किसी भी व्यक्ति की किस्मत चमक सकती है...
1. धन प्राप्ति का उपाय: किसी भी शुभ मुहूर्त में या किसी शुभ दिन में सुबह जल्दी उठें। इसके बाद नित्यकर्मों से निवृत्त होकर किसी पवित्र नदी या जलाशय के किनारे जाएं। किसी शांत एवं एकांत स्थान पर वट वृक्ष के नीचे चमड़े का आसन बिछाएं। आसन पर बैठकर धन प्राप्ति मंत्र का जप करें।
धन प्राप्ति का मंत्र: ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा।
इस मंत्र का जप आपको 21 दिनों तक करना चाहिए। मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें। 21 दिनों में अधिक से अधिक संख्या में मंत्र जप करें।
जैसे ही यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा आपको अचानक धन प्राप्ति अवश्य कराएगा।
2.यदि किसी व्यक्ति को धन प्राप्त करने में बार-बार रुकावटें आ रही हों तो उसे यह उपाय करना चाहिए।
यह उपाय 40 दिनों तक किया जाना चाहिए। इसे अपने घर पर ही किया जा सकता है। उपाय के अनुसार धन प्राप्ति मंत्र का जप करना है। प्रतिदिन 108 बार।
मंत्र: ऊँ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं, श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा।
इस मंत्र का जप नियमित रूप से करने पर कुछ ही दिनों महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो जाएगी और आपके धन में आ रही रुकावटें दूर होने लगेंगी।
3. यदि आप दसों दिशाओं से यानी चारों तरफ से पैसा प्राप्त करना चाहते हैं तो यह उपाय करें। यह उपाय दीपावली के दिन किया जाना चाहिए।
दीपावली की रात में विधि-विधान से महालक्ष्मी का पूजन करें। पूजन के सो जाएं और सुबह जल्दी उठें। नींद से जागने के बाद पलंग से उतरे नहीं बल्कि यहां दिए गए मंत्र का जप 108 बार करें।
मंत्र: ऊँ नमो भगवती पद्म पदमावी ऊँ ह्रीं ऊँ ऊँ पूर्वाय दक्षिणाय उत्तराय आष पूरय सर्वजन वश्य कुरु कुरु स्वाहा।
शय्या पर मंत्र जप करने के बाद दसों दिशाओं में दस-दस बार फूंक मारें। इस उपाय से साधक को चारों तरफ से पैसा प्राप्त होता है
4.सफेद आंकड़े को छाया में सुखा लें। इसके बाद कपिला गाय यानी सफेद गाय के दूध में मिलाकर इसे पीस लें और इसका तिलक लगाएं। ऐसा करने पर व्यक्ति का समाज में वर्चस्व हो जाता है।
5.यदि आपको ऐसा लगता है कि किसी स्थान पर धन गढ़ा हुआ है और आप वह धन प्राप्त करना चाहते हैं तो यह उपाय करें।
गड़ा धन प्राप्त करने के लिए यहां दिए गए मंत्र का जप दस हजार बार करना होगा।
मंत्र: ऊँ नमो विघ्नविनाशाय निधि दर्शन कुरु कुरु स्वाहा।
गड़े हुए धन के दर्शन करने के लिए विधि इस प्रकार है। किसी शुभ दिवस में यहां दिए गए मंत्र का जप हजारों की संख्या करें। मंत्र सिद्धि हो जाने के बाद जिस स्थान पर धन गड़ा हुआ है वहां धतुरे के बीज, हलाहल, सफेद घुघुंची, गंधक, मैनसिल, उल्लू की विष्ठा, शिरीष वृक्ष का पंचांग बराबर मात्रा में लें और सरसों के तेल में पका लें। इसके बाद इस सामग्री से गड़े धन की शंका वाले स्थान पर धूप-दीप ध्यान करें। यहां दिए गए मंत्र का जप हजारों की संख्या में करें।
ऐसा करने पर उस स्थान से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का साया हट जाएगा। भूत-प्रेत का भय समाप्त हो जाएगा। साधक को भूमि में गड़ा हुआ धन दिखाई देने लगेगा।
ध्यान रखें तांत्रिक उपाय करते समय किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी का परामर्श अवश्य लें।
6.शास्त्रों के अनुसार दूर्वा घास चमत्कारी होती है। इसका प्रयोग कई प्रकार के उपायों में भी किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति सफेद दूर्वा को कपिला गाय यानी सफेद गाय के दूध के साथ पीस लें और इसका तिलक लगाएं तो वह किसी भी काम में असफल नहीं होता है।
7.महालक्ष्मी की कृपा तुरंत प्राप्त करने के लिए यह तांत्रिक उपाय करें।
किसी शुभ मुहूर्त जैसे दीपावली, अक्षय तृतीया, होली आदि की रात यह उपाय किया जाना चाहिए। दीपावली की रात में यह उपाय श्रेष्ठ फल देता है। इस उपाय के अनुसार आपको दीपावली की रात कुमकुम या अष्टगंध से थाली पर यहां दिया गया मंत्र लिखें।
मंत्र: ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम:।
इस मंत्र का जप भी करना चाहिए। किसी साफ एवं स्वच्छ आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला या कमल गट्टे की माला के साथ मंत्र जप करें। मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। अधिक से अधिक इस मंत्र की आपकी श्रद्धानुसार बढ़ा सकते हैं।
इस उपाय से आपके घर में महालक्ष्मी की कृपा बरसने लगेगी।
8.अपामार्ग के बीज को बकरी के दूध में मिलाकर पीस लें, लेप बना लें। इस लेप को लगाने से व्यक्ति का समाज में आकर्षण काफी बढ़ जाता है। सभी लोग इनके कहे को मानते हैं।
9.यदि आप देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर की कृपा से अकूत धन संपत्ति चाहते हैं तो यह उपाय करें।
उपाय के अनुसार आपको यहां दिए जा रहे मंत्र का जप तीन माह तक करना है। प्रतिदिन मंत्र का जप केवल 108 बार करें।
मंत्र: ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।
मंत्र जप करते समय अपने पास धनलक्ष्मी कौड़ी रखें। जब तीन माह हो जाएं तो यह कौड़ी अपनी तिजोरी में या जहां आप पैसा रखते हैं वहां रखें। इस उपाय से जीवनभर आपको पैसों की कमी नहीं होगी।
10.यदि आप घर या समाज या ऑफिस में लोगों को आकर्षित करना चाहते हैं तो बिल्वपत्र तथा बिजौरा नींबू लेकर उसे बकरी के दूध में मिलाकर पीस लें। इसके बाद इससे तिलक लगाएं। ऐसा करने पर व्यक्ति का आकर्षण बढ़ता है।
धन लाभ के लिऐ 11 गोमती चक्र
गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है। असाध्य रोगों को दुर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिये लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल देना चाहिऐ। सुबह उस पानी को पी जाना चाहिऐ । इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दुर होते है।
धन लाभ के लिऐ 11 गोमती चक्र अपने पुजा स्थान मे रखना चाहिऐ उनके सामने ॐ श्री नमः का जाप करना चाहिऐ। इससे आप जो भी कार्य करेंगे उसमे आपका मन लगेगा और सफलता प्राप्त होगी । किसी भी कार्य को उत्साह के साथ करने की प्रेरणा मिलेगी।
गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य धातु की डिब्बी में सिंदुर तथा अक्षत डालकर रखें तो ये शीघ्र फलदायक होते है। होली, दीवाली, तथा नवरात्रों आदि पर गोमती चक्रों की विशेष पुजा की जाति है। अन्य विभिन्न मुहुर्तों के अवसर पर भी इनकी पुजा लाभदायक मानी जाती है। सर्वसिद्धि योग तथा रावेपुष्य योग आदि के समय पुजा करने पर ये बहुत फलदायक है।
गोमती चक्र की पूजा
होली, दिवाली और नव रात्रों आदिपर गोमती चक्र की विशेष पूजा होती है। सर्वसिद्धि योग, अमृत योग और रविपुष्य योग आदि विभिन्न मुहूर्तों पर गोमती चक्र की पूजा बहुत फलदायक होती है। धन लाभ के लिए ११ गोमती चक्र अपने पूजा स्थान में रखें तथा उनके सामने ॐ श्रींनमः का जाप करें।
ऊपरी बाधाओं से मुक्ति दिलाए गोमती चक्र----
गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी में मिलता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यों तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है। इसका तांत्रिक उपयोग बहुत ही सरल होता है। किसी भी प्रकार की समस्या के निदान के लिए यह बहुत ही कारगर उपाय है।
1- यदि घर में भूत-प्रेतों का उपद्रव हो तो दो गोमती चक्र लेकर घर के मुखिया के ऊपर घुमाकर आग में डाल दें तो घर से भूत-प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है।
2- यदि घर में बीमारी हो या किसी का रोग शांत नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर उसे चांदी में पिरोकर रोगी के पलंग के पाये पर बांध दें। उसी दिन से रोगी को आराम मिलने लगता है।
3- प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें। निश्चय ही प्रमोशन के रास्ते खुल जाएंगे।
4- व्यापार वृद्धि के लिए दो गोमती चक्र लेकर उसे बांधकर ऊपर चौखट पर लटका दें और ग्राहक उसके नीचे से निकले तो निश्चय ही व्यापार में वृद्धि होती है।
5- यदि इस गोमती चक्र को लाल सिंदूर के डिब्बी में घर में रखें तो घर में सुख-शांति बनी रहती है।
ऐसे बनेंगे बिगड़े काम
जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियां सबको आती हैं लेकिन लगातार परेशानियों से पीछा नहीं छूटे तो निम्न उपाय कर संकटों से छुटकारा पाया जा सकता है।
सूर्य बनाए काम
प्रात: काल में सूर्य जब तक चढ़ रहा हो तो आप इस टोटके को कर सकता है। सूर्य जब ढलने लगे तो यह टोटका प्रभावी नहीं होता है। सर्वप्रथम आप सूर्य को नमन करें, इसके बाद कच्चा सूत लेकर उस पर ओम गं गणपतये नम: मंत्र पढ़ते हुए सात गांठें लगाएं। अब आप इस सूत के ताबीज को सामने वाली जेब मे रखकर चले जाएं। बिगड़ा कार्य सिद्ध होगा और उस दिन काम बनते चले जाएंगे।
परीक्षा में अच्छे अंक आएंगे
जब तक परीक्षाएं हो, बच्चे को नियमित दही दिया करें, केवल उसके समय में परिवर्तन करना होता है। इसमें रहस्य केवल इतना है, जैसे प्रथम दिन प्रात: 8 बजे दिया तो अगले दिन 9 बजे और फिर दस बजे यानी रोज एक घंटा बढ़ाते जाएं। जब परीक्षा देने बच्चा जाएगा तो अच्छे अंक आएंगे।
ऐसे होगी घर में बरकत
गेहूं पिसवाते समय उसमें 11 पत्ते तुलसी और थोड़ा सा केसर डाल कर पिसवा लें। इसको पिसवाने से पूर्व इसमें से एक मु_ी मिश्रण को एक रात्रि के लिए किसी मंदिर में रख दें। उसे अगले दिन वहां से लाकर इस मिश्रण में मिला लें। इसके बाद ही पूरे मिश्रण को पिसवाएं। ऐसा जब भी आप गेहूं पिसवाने जाएं तो एक दिन पहले करें। ऐसा करने से घर में बरकत रहेगी।
सब कार्य होंगे पूरे
एक मिट्टी का बना शेर किसी बुधवार को दुर्गा माता के आगे चढ़ाने से सब कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
लक्ष्मीजी प्रसन्न होंगी
अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को हरे हकी की 54 नगों की एक माला लक्ष्मीजी को चढ़ाएं।
ऋण उतर जाएगा
किसी भी शुक्ल पक्ष की बुधवार को सूर्यास्त के पूर्व चांदी का एक हाथी लाकर घर पर रखें। ऐसा करने से आपका ऋ ण कम होगा।
ऋण मुक्ति के लिए शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से इस प्रयोग को आरंभ करें। चांदी के या स्फटिक के लक्ष्मी गणेश की मूरत अपने घर या ऑफिस के पूजा स्थल में रख दें। अब एक पात्र में गंगाजल रखकर उसमें चांदी का सिक्का जिसमें लक्ष्मी गणेश बने हों, डाल दें। प्रत्येक शुक्रवार को लक्ष्मी जी को खीर का भोग लगाएं तथा बाकी बची खीर स्वयं खा लें। रोजाना कनक धारा स्तोत्र पाठ करें तथा एक माला ओम गं गणतये नम: की करें। शीघ्र ही ऋण मुक्ति मिलेगी।
लक्ष्मीजी की कृपा सदा बनी रहेगी
दीपावली के दिन प्रात: उठकर बिना हाथ मुंह धोकर एक नारियल को बड़े पत्थर के साथ बांधकर किसी नदी या तालाब में रस्सी के सहारे डुबो दें। डुबोते समय यह प्रार्थना करें कि हे नारियल, मैं सायंकाल को फिर आऊंगा और आपको लक्ष्मी के साथ ले जाऊंगा। सूर्यास्त के पश्चात उस नारियल को ले आओ। उसे अपने घर में संदूक या तिजोरी में रख दों । पूरे वर्ष घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
स्वास्थ्य के लिए टोटके
1॰ सदा स्वस्थ बने रहने के लिये रात्रि को पानी किसी लोटे या गिलास में सुबह उठ कर पीने के लिये रख दें। उसे पी कर बर्तन को उल्टा रख दें तथा दिन में भी पानी पीने के बाद बर्तन (गिलास आदि) को उल्टा रखने से यकृत सम्बन्धी परेशानियां नहीं होती तथा व्यक्ति सदैव स्वस्थ बना रहता है।
2॰ हृदय विकार, रक्तचाप के लिए एकमुखी या सोलहमुखी रूद्राक्ष श्रेष्ठ होता है। इनके न मिलने पर ग्यारहमुखी, सातमुखी अथवा पांचमुखी रूद्राक्ष का उपयोग कर सकते हैं। इच्छित रूद्राक्ष को लेकर श्रावण माह में किसी प्रदोष व्रत के दिन, अथवा सोमवार के दिन, गंगाजल से स्नान करा कर शिवजी पर चढाएं, फिर सम्भव हो तो रूद्राभिषेक करें या शिवजी पर “ॐ नम: शिवाय´´ बोलते हुए दूध से अभिषेक कराएं। इस प्रकार अभिमंत्रित रूद्राक्ष को काले डोरे में डाल कर गले में पहनें।
3॰ जिन लोगों को 1-2 बार दिल का दौरा पहले भी पड़ चुका हो वे उपरोक्त प्रयोग संख्या 2 करें तथा निम्न प्रयोग भी करें :- एक पाचंमुखी रूद्राक्ष, एक लाल रंग का हकीक, 7 साबुत (डंठल सहित) लाल मिर्च को, आधा गज लाल कपड़े में रख कर व्यक्ति के ऊपर से 21 बार उसार कर इसे किसी नदी या बहते पानी में प्रवाहित कर दें।
4॰ किसी भी सोमवार से यह प्रयोग करें। बाजार से कपास के थोड़े से फूल खरीद लें। रविवार शाम 5 फूल, आधा कप पानी में साफ कर के भिगो दें। सोमवार को प्रात: उठ कर फूल को निकाल कर फेंक दें तथा बचे हुए पानी को पी जाएं। जिस पात्र में पानी पीएं, उसे उल्टा कर के रख दें। कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ अनुभव करेंगे।
5॰ घर में नित्य घी का दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय लौ पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर हो या दीपक के मध्य में (फूलदार बाती) बाती लगाना शुभ फल देने वाला है।
6॰ रात्रि के समय शयन कक्ष में कपूर जलाने से बीमारियां, दु:स्वपन नहीं आते, पितृ दोष का नाश होता है एवं घर में शांति बनी रहती है।
7॰ पूर्णिमा के दिन चांदनी में खीर बनाएं। ठंडी होने पर चन्द्रमा और अपने पितरों को भोग लगाएं। कुछ खीर काले कुत्तों को दे दें। वर्ष भर पूर्णिमा पर ऐसा करते रहने से गृह क्लेश, बीमारी तथा व्यापार हानि से मुक्ति मिलती है।
8॰ रोग मुक्ति के लिए प्रतिदिन अपने भोजन का चौथाई हिस्सा गाय को तथा चौथाई हिस्सा कुत्ते को खिलाएं।
9॰ घर में कोई बीमार हो जाए तो उस रोगी को शहद में चन्दन मिला कर चटाएं।
10॰ पुत्र बीमार हो तो कन्याओं को हलवा खिलाएं। पीपल के पेड़ की लकड़ी सिरहाने रखें।
11॰ पत्नी बीमार हो तो गोदान करें। जिस घर में स्त्रीवर्ग को निरन्तर स्वास्थ्य की पीड़ाएँ रहती हो, उस घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी श्रद्धापूर्वक देखशल करने से रोग पीड़ाएँ समाप्त होती है।
12॰ मंदिर में गुप्त दान करें।
13॰ रविवार के दिन बूंदी के सवा किलो लड्डू मंदिर में प्रसाद के रूप में बांटे।
14॰ सदैव पूर्व या दक्षिण दिषा की ओर सिर रख कर ही सोना चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर सिर कर के सोने वाले व्यक्ति में चुम्बकीय बल रेखाएं पैर से सिर की ओर जाती हैं, जो अधिक से अधिक रक्त खींच कर सिर की ओर लायेंगी, जिससे व्यक्ति विभिन्न रोंगो से मुक्त रहता है और अच्छी निद्रा प्राप्त करता है।
15॰ अगर परिवार में कोई परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तथा लगातार औषधि सेवन के पश्चात् भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है, तो किसी भी रविवार से आरम्भ करके लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उबार कर जल को पौधे में डाल दें तथा पेड़ा गाय को खिला दें। अवश्य ही इन 3 दिनों के अन्दर व्यक्ति स्वस्थ महसूस करने लगेगा। अगर टोटके की अवधि में रोगी ठीक हो जाता है, तो भी प्रयोग को पूरा करना है, बीच में रोकना नहीं चाहिए।
16॰ अमावस्या को प्रात: मेंहदी का दीपक पानी मिला कर बनाएं। तेल का चौमुंहा दीपक बना कर 7 उड़द के दाने, कुछ सिन्दूर, 2 बूंद दही डाल कर 1 नींबू की दो फांकें शिवजी या भैरों जी के चित्र का पूजन कर, जला दें। महामृत्युजंय मंत्र की एक माला या बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ कर रोग-शोक दूर करने की भगवान से प्रार्थना कर, घर के दक्षिण की ओर दूर सूखे कुएं में नींबू सहित डाल दें। पीछे मुड़कर नहीं देखें। उस दिन एक ब्राह्मण -ब्राह्मणी को भोजन करा कर वस्त्रादि का दान भी कर दें। कुछ दिन तक पक्षियों, पशुओं और रोगियों की सेवा तथा दान-पुण्य भी करते रहें। इससे घर की बीमारी, भूत बाधा, मानसिक अशांति निश्चय ही दूर होती है।
17॰ किसी पुरानी मूर्ति के ऊपर घास उगी हो तो शनिवार को मूर्ति का पूजन करके, प्रात: उसे घर ले आएं। उसे छाया में सुखा लें। जिस कमरे में रोगी सोता हो, उसमें इस घास में कुछ धूप मिला कर किसी भगवान के चित्र के आगे अग्नि पर सांय, धूप की तरह जलाएं और मन्त्र विधि से ´´ ॐ माधवाय नम:। ॐ अनंताय नम:। ॐ अच्युताय नम:।´´ मन्त्र की एक माला का जाप करें। कुछ दिन में रोगी स्वस्थ हो जायेगा। दान-धर्म और दवा उपयोग अवश्य करें। इससे दवा का प्रभाव बढ़ जायेगा।
18॰ अगर बीमार व्यक्ति ज्यादा गम्भीर हो, तो जौ का 125 पाव (सवा पाव) आटा लें। उसमें साबुत काले तिल मिला कर रोटी बनाएं। अच्छी तरह सेंके, जिससे वे कच्ची न रहें। फिर उस पर थोड़ा सा तिल्ली का तेल और गुड़ डाल कर पेड़ा बनाएं और एक तरफ लगा दें। फिर उस रोटी को बीमार व्यक्ति के ऊपर से 7 बार वार कर किसी भैंसे को खिला दें। पीछे मुड़ कर न देखें और न कोई आवाज लगाए। भैंसा कहाँ मिलेगा, इसका पता पहले ही मालूम कर के रखें। भैंस को रोटी नहीं खिलानी है, केवल भैंसे को ही श्रेष्ठ रहती है। शनि और मंगलवार को ही यह कार्य करें।
19॰ पीपल के वृक्ष को प्रात: 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल....19॰ पीपल के वृक्ष को प्रात: 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी वार से शुरू करके 7 दिन तक करें। बीमार व्यक्ति को आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।
20॰ किसी कब्र या दरगाह पर सूर्यास्त के पश्चात् तेल का दीपक जलाएं। अगरबत्ती जलाएं और बताशे रखें, फिर वापस मुड़ कर न देखें। बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा।
21॰ किसी तालाब, कूप या समुद्र में जहां मछलियाँ हों, उनको शुक्रवार से शुक्रवार तक आटे की गोलियां, शक्कर मिला कर, चुगावें। प्रतिदिन लगभग 125 ग्राम गोलियां होनी चाहिए। रोगी ठीक होता चला जायेगा।
22॰ शुक्रवार रात को मुठ्ठी भर काले साबुत चने भिगोयें। शनिवार की शाम काले कपड़े में उन्हें बांधे तथा एक कील और एक काले कोयले का टुकड़ा रखें। इस पोटली को किसी तालाब या कुएं में फेंक दें। फेंकने से पहले रोगी के ऊपर से 7 बार वार दें। ऐसा 3 शनिवार करें। बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा।
23॰ सवा सेर (1॰25 सेर) गुलगुले बाजार से खरीदें। उनको रोगी पर से 7 बार वार कर चीलों को खिलाएं। अगर चीलें सारे गुलगुले, या आधे से ज्यादा खा लें तो रोगी ठीक हो जायेगा। यह कार्य शनि या मंगलवार को ही शाम को 4 और 6 के मध्य में करें। गुलगुले ले जाने वाले व्यक्ति को कोई टोके नहीं और न ही वह पीछे मुड़ कर देखे।
24॰ यदि लगे कि शरीर में कष्ट समाप्त नहीं हो रहा है, तो थोड़ा सा गंगाजल नहाने वाली बाल्टी में डाल कर नहाएं।
25॰ प्रतिदिन या शनिवार को खेजड़ी की पूजा कर उसे सींचने से रोगी को दवा लगनी शुरू हो जाती है और उसे धीरे-धीरे आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा। यदि प्रतिदिन सींचें तो 1 माह तक और केवल शनिवार को सींचें तो 7 शनिवार तक यह कार्य करें। खेजड़ी के नीचे गूगल का धूप और तेल का दीपक जलाएं।
26॰ हर मंगल और शनिवार को रोगी के ऊपर से इमरती को 7 बार वार कर कुत्तों को खिलाने से धीरे-धीरे आराम मिलता है। यह कार्य कम से कम 7 सप्ताह करना चाहिये। बीच में रूकावट न हो, अन्यथा वापस शुरू करना होगा।
27॰ साबुत मसूर, काले उड़द, मूंग और ज्वार चारों बराबर-बराबर ले कर साफ कर के मिला दें। कुल वजन 1 किलो हो। इसको रोगी के ऊपर से 7 बार वार कर उनको एक साथ पकाएं। जब चारों अनाज पूरी तरह पक जाएं, तब उसमें तेल-गुड़ मिला कर, किसी मिट्टी के दीये में डाल कर दोपहर को, किसी चौराहे पर रख दें। उसके साथ मिट्टी का दीया तेल से भर कर जलाएं, अगरबत्ती जलाएं। फिर पानी से उसके चारों ओर घेरा बना दें। पीछे मुड़ कर न देखें। घर आकर पांव धो लें। रोगी ठीक होना शुरू हो जायेगा।
28॰ गाय के गोबर का कण्डा और जली हुई लकड़ी की राख को पानी में गूंद कर एक गोला बनाएं। इसमें एक कील तथा एक सिक्का भी खोंस दें। इसके ऊपर रोली और काजल से 7 निशान लगाएं। इस गोले को एक उपले पर रख कर रोगी के ऊपर से 3 बार उतार कर सुर्यास्त के समय मौन रह कर चौराहे पर रखें। पीछे मुड़ कर न देखें।
29॰ शनिवार के दिन दोपहर को 2॰25 (सवा दो) किलो बाजरे का दलिया पकाएं और उसमें थोड़ा सा गुड़ मिला कर एक मिट्टी की हांडी में रखें। सूर्यास्त के समय उस हांडी को रोगी के शरीर पर बायें से दांये 7 बार फिराएं और चौराहे पर मौन रह कर रख आएं। आते-जाते समय पीछे मुड़ कर न देखें और न ही किसी से बातें करें।
30॰ धान कूटने वाला मूसल और झाडू रोगी के ऊपर से उतार कर उसके सिरहाने रखें।
31॰ सरसों के तेल को गरम कर इसमें एक चमड़े का टुकड़ा डालें, पुन: गर्म कर इसमें नींबू, फिटकरी, कील और काली कांच की चूड़ी डाल कर मिट्टी के बर्तन में रख कर, रोगी के सिर पर फिराएं। इस बर्तन को जंगल में एकांत में गाड़ दें।.........................ऋण मुक्ति भैरव साधना- हर व्यक्ति के जीवन में ऋण एक अभिशाप है !एक वार व्यक्ति इस में फस गया तो धस्ता चला जाता है ! सूत की चिंता धीरे धीरे मष्तश पे हावी होती चली जाती है जिस का असर स्वस्थ पे होना भी स्वाभिक है ! प्रत्येक व्क्यती पे छ किस्म का ऋण होता है जिस में पित्र ऋण मार्त ऋण भूमि ऋण गुरु ऋण और भ्राता ऋण और ऋण जिसे ग्रह ऋण भी कहते है !संसारी ऋण (कर्ज )व्यक्ति की कमर तोड़ देता है मगर हजार परयत्न के बाद भी व्यक्ति छुटकारा नहीं पाता तो मेयूस हो के ख़ुदकुशी तक सोच लेता है !मैं जहां एक बहुत ही सरल अनुभूत साधना प्रयोग दे रहा हु आप निहचिंत हो कर करे बहुत जल्द आप इस अभिशाप से मुक्ति पा लेंगे ! विधि – शुभ दिन जिस दिन रवि पुष्य योग हो जा रवि वार हस्त नक्षत्र हो शूकल पक्ष हो तो इस साधना को शुरू करे वस्त्र --- लाल रंग की धोती पहन सकते है ! माला – काले हकीक की ले ! दिशा –दक्षिण ! सामग्री – भैरव यन्त्र जा चित्र और हकीक माला काले रंग की ! मंत्र संख्या – 12 माला 21 दिन करना है ! पहले गुरु पूजन कर आज्ञा ले और फिर श्री गणेश जी का पंचौपचार पूजन करे तद पहश्चांत संकल्प ले ! के मैं गुरु स्वामी निखिलेश्वरा नन्द जी का शिष्य अपने जीवन में स्मस्थ ऋण मुक्ति के लिए यह साधना कर रहा हु हे भैरव देव मुझे ऋण मुक्ति दे !जमीन पे थोरा रेत विशा के उस उपर कुक्म से तिकोण बनाए उस में एक पलेट में स्वास्तिक लिख कर उस पे लाल रंग का फूल रखे उस पे भैरव यन्त्र की स्थापना करे उस यन्त्र का जा चित्र का पंचौपचार से पूजन करे तेल का दिया लगाए और भोग के लिए गुड रखे जा लड्डू भी रख सकते है ! मन को स्थिर रखते हुये मन ही मन ऋण मुक्ति के लिए पार्थना करे और जप शुरू करे 12 माला जप रोज करे इस प्रकार 21 दिन करे साधना के बाद स्मगरी माला यन्त्र और जो पूजन किया है वोह समान जल प्रवाह कर दे साधना के दोरान रवि वार जा मंगल वार को छोटे बच्चो को मीठा भोजन आदि जरूर कराये ! शीघ्र ही कर्ज से मुक्ति मिलेगी और कारोबार में प्रगति भी होगी ! मंत्र—ॐ ऐं क्लीम ह्रीं भम भैरवाये मम ऋणविमोचनाये महां महा धन प्रदाय क्लीम स्वाहा !!....................पारिवारिक क्लेश निवारक तंत्र ( उपाय ) अक्षर लोग हमारे पास नोकरी – बिजनेश – आर्थिक संकट – विवाह – संतान – या फिर शारीरिक तकलीफ यह सारी परेशानी ज्यादा लेकर आते और उनमे से ज्यादातर लोगो से वार्तालाप में यह सामने आता हें की उनके घर और जीवन में क्लेश भी हें जिस वजह से वो परेशान हें, यदि पारिवारिक जीवन सुखमय हो और परिवार के सभ्यो का संपूर्ण सहयोग मिलता हो तो व्यक्त शीघ्र ही उन्नति को प्राप्त करता हें – में यहाँ कुछ ऐसे उपाय दे रहा हू जो कर के आप अपने जीवन से क्लेश को मिटा करे जीवन को सुखमय बना शके .
... परिवार के सभी सदस्यों को साल में एक बार किसी नदी या सरोवर में एक साथ स्नान करना चाहिए
... अगर आपके परिवार में किसी महिला सदस्य की वजह से कलश उत्पन्न हो रहा हो तो उस महिला का स्वभाव शांत करने के लिए उसे एक चांदी की चैन में चांदी के पत्र पर चंद्रमा का यन्त्र बनवाकर उसे धारण करवाना चाहिए ( किसी भी सोमवार को
... अगर आपके परिवार में किसी पुरुष सदाशय की वजह से क्लेश उत्पन्न हो रहा हो तो उस पुरुष से हर सोमवार को चावल का दान करवाए और हररोज सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पण करवाए, अवश्य उसका स्वभाव शांत होगा
... अगर आपके परिवार में स्त्री वर्ग में परस्पर तनाव या विवाद की वजह से क्लेश उत्पन्न हो रहा हो तो ध्यान रहे की सभी महिला सदस्य कभी लाल वस्त्र एक साथ नहीं पहने और हो शके तो उन महिलाओ से कहे की वो माँ दुर्गा का पूजन अवश्य करे
... अगर आपके परिवार में पुरुष वर्ग में परस्पर तनाव या विवाद की वजह से क्लेश उत्पन्न हो रहा हो तो यह घर के में एक कदम्ब वृक्ष की डाली लाकर घर में रखनी चाहिए ( डाली में कमसे कम ७ अखंडित पत्ते होने चाहिए ) हर पूर्णिमा को ये डाली ले जाकर वही कदम्ब वृक्ष के आगे छोड़ दे और वह से दूसरी ले आये इस तरह १८ पूर्णिमा तक करे और साथै में उन पुरुषों को कहे की वो श्री हरी विष्णु के दर्शन अवश्य करे
... अगर परिवार के युवा एवं वृद्ध व्यक्ति के बिच में तनाव या विवाद की वजह से क्लेश उत्पन्न हो रहा हो तो घर के हर एक कक्ष के दरवाजे पर हर पूर्णिमा के दिन सुबह अशोक के पत्तों का तोरण बनाकर लगाना चाहिए
भगवान शिव के बहुत सारे भक्त हुए हैं। जिनमें दशानन रावण का नाम उच्चकोटी के भक्तों में लिया जाता है। वह न केवल परम भक्त हुए हैं बल्कि महान तांत्रिक और ज्योतिषी भी थे। उनकी इस अमूल्य धारा का सार रावण संहिता किताब से ज्ञात होता है। इसमें बहुत सारे ज्योतिषीय रहस्य, उपाय, टोने-टोटके और रातोंरात बंद पड़ी किस्मत के ताले की चाबी का पता लगाया जा सकता है। धन की देवी लक्ष्मी को समृद्धि-संपन्नता के लिए मनाना चाहते हैं तो बिल्व पत्र का पूजन करने की इस किताब में सलाह दी गई है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार रावण संहिता के चौथे अध्याय में बिल्व वृक्ष से संबंधित यह उपाय बताय गए हैं।
* कार्तिक अमावस्या के दिन सफेद अॉक और बिल्व का पेड़ जोड़े के साथ लगाने पर लक्ष्मी कृपा मिलती है।
* कार्तिक माह में बिल्व पेड़ के समीप बैठकर लक्ष्मी हवन करने से बेशुमार धन-दौलत का स्वामी बना जा सकता है।
* बिल्व पेड़ के समीप आसन बिछा कर बैठ जाएं, श्री सुक्त का पाठ करने से अक्षीण लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
* कार्तिक अमावस्या पर 4 अथवा 7 पत्ते वाला बिल्व पत्र शिवलिंग पर अर्पित करने से कभी लक्ष्मी नाराज नहीं होती, हरदम-हरपल साथ निभाती हैं।
* कार्तिक माह में प्रात: बिल्व पेड़ पर जल अर्पित करें और शाम को दीपदान करें। कभी आर्थिक अभाव नहीं होगा।
* कमाई में आ रही रुकावटों के लिए महालक्ष्मी का तांत्रिक उपाय करें, 40 दिनों तक ॐ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा मंत्र का जाप करना चाहिए।
* रावण संहिता में बताया गया है बिल्व पत्र और तांबे के सहयोग से सोना बनाया जा सकता है।
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धन प्राप्ति के लिए उपाय –
किसी भी शुभ मुहूर्त में या किसी शुभ दिन सुबह जल्दी उठें। इसके बाद नित्यकर्मों से निवृत्त होकर किसी पवित्र नदी या जलाशय के किनारे जाएं। किसी शांत एवं एकांत स्थान पर वट वृक्ष के नीचे चमड़े का आसन बिछाएं। आसन पर बैठकर धन प्राप्ति मंत्र का जप करें।
धन प्राप्ति का मंत्र: ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा।
इस मंत्र का जप आपको 21 दिनों तक करना चाहिए। मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें। 21 दिनों में अधिक से अधिक संख्या में मंत्र जप करें। जैसे ही यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा आपके लिए धन प्राप्ति के योग बनेंगे।
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2. यदि किसी व्यक्ति को धन प्राप्त करने में बार-बार रुकावटें आ रही हों तो उसे यह उपाय करना चाहिए।
यह उपाय 40 दिनों तक किया जाना चाहिए। इसे अपने घर पर ही किया जा सकता है। उपाय के अनुसार धन प्राप्ति मंत्र का जप करना है। प्रतिदिन 108 बार।
मंत्र: ऊँ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं, श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा।
इस मंत्र का जप नियमित रूप से करने पर कुछ ही दिनों महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो जाएगी और आपके धन में आ रही रुकावटें दूर होने लगेंगी।
महालक्ष्मी की कृपा तुरंत प्राप्त करने के लिए यह तांत्रिक उपाय करें।
4. यदि आप दसों दिशाओं से यानी चारों तरफ से पैसा प्राप्त करना चाहते हैं तो यह उपाय करें। यह उपाय दीपावली के दिन किया जाना चाहिए। दीपावली की रात में विधि-विधान से महालक्ष्मी का पूजन करें। पूजन के बाद सो जाएं और सुबह जल्दी उठें।
नींद से जागने के बाद पलंग से उतरे नहीं बल्कि यहां दिए गए मंत्र का जप 108 बार करें।
मंत्र: ऊँ नमो भगवती पद्म पदमावी ऊँ ह्रीं ऊँ ऊँ पूर्वाय दक्षिणाय उत्तराय आष पूरय सर्वजन वश्य कुरु कुरु स्वाहा।
शय्या पर मंत्र जप करने के बाद दसों दिशाओं में दस-दस बार फूंक मारें। इस उपाय से साधक को चारों तरफ से पैसा प्राप्त होता है।
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5. यदि आप देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर की कृपा से अकूत धन संपत्ति चाहते हैं तो यह उपाय करें। उपाय के अनुसार आपको यहां दिए जा रहे मंत्र का जप तीन माह तक करना है। प्रतिदिन मंत्र का जप केवल 108 बार करें।
मंत्र: ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।
मंत्र जप करते समय अपने पास धनलक्ष्मी कौड़ी रखें। जब तीन माह हो जाएं तो यह कौड़ी अपनी तिजोरी में या जहां आप पैसा रखते हैं वहां रखें। इस उपाय से जीवनभर आपको पैसों की कमी नहीं होगी।
6. यदि आपको ऐसा लगता है कि किसी स्थान पर धन गढ़ा हुआ है और आप वह धन प्राप्त करना चाहते हैं तो यह उपाय करें। गड़ा धन प्राप्त करने के लिए यहां दिए गए मंत्र का जप दस हजार बार करना होगा।
मंत्र: ऊँ नमो विघ्नविनाशाय निधि दर्शन कुरु कुरु स्वाहा।
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गड़े हुए धन के दर्शन करने के लिए विधि इस प्रकार है। किसी शुभ दिवस में यहां दिए गए मंत्र का जप हजारों की संख्या करें। मंत्र सिद्धि हो जाने के बाद जिस स्थान पर धन गड़ा हुआ है वहां धतुरे के बीज, हलाहल, सफेद घुघुंची, गंधक, मैनसिल, उल्लू की विष्ठा, शिरीष वृक्ष का पंचांग बराबर मात्रा में लें और सरसों के तेल में पका लें। इसके बाद इस सामग्री से गड़े धन की शंका वाले स्थान पर धूप-दीप ध्यान करें। यहां दिए गए मंत्र का जप हजारों की संख्या में करें।
ऐसा करने पर उस स्थान से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का साया हट जाएगा। भूत-प्रेत का भय समाप्त हो जाएगा। साधक को भूमि में गड़ा हुआ धन दिखाई देने लगेगा।
1 शनि दृष्टि दोष दूर करने के लिये
उड़द की दाल के 4 बड़े शनिवार को प्रात: सिर से 3 बार एंटी क्लाकवाइज (उलटा) घुमाकर कौओं को खिलाएं। (सात शनिवार करो)।
2 शनि कृपा पाने के लिये शनिवार के दिन आठ नंबर का जूता (लैदर का) शनि का दान मांगने वाले को ‘ऊँ सूर्य पुत्राय नम:’ आठ बार कहकर दें। 3
ऊपरी बाधायें दूर करने के लिये। काले घोड़े को 1-1/4 किलो काले चने शुक्रवार को खिलाओ तथा शनिवार को उसके पिछले दायें पैर की नाल लेकर शनिवार को ही अपने घर के प्रवेश द्वार पर U इस आकार में लगाएं
4 लक्ष्मी प्राप्ति करने के लिये शुक्रवार को अंधविद्यालय में 27 संतरे अंधे बच्चों को खिलाएं।
5 बच्चों की पढ़ाई में अधिक अंक पाने हेतु किसी अंधे बच्चे या लड़की को अपना पुत्र या बेटी मानते हुए पुस्तकों का दान करो या वस्त्र तथा फीस देकर मदद करें।
6 नजर टोना-टोटका दूर करने के लिये एक नींबू लेकर रोगी के ऊपर सात बार उलटा घुमाकर उतारें (शनिवार) एक चाकू सिर से पैर तक धीरे-धीरे स्पर्श करते हुए नींबू को बीच से काट दें। दोनों टुकड़े दक्षिण दिशा की ओर संध्या समय फेंक दें।
7 ऊपरी प्रेत बाधा दूर करने के लिये। बाजरे का दलिया 1-1/4 किलो लेकर बनाएं। पाव भर गुड़ मिलाकर मिट्टी की हांडी में रखें। सिर से पैर तक सात बार उतार कर चौराहे पर सायं को रख दें मुड़कर न देखें न बात करें। वापिस घर आ जाओ। (तीन शनिवार करो)।
8 शनि ढैया या साढ़ेसाती के दोष से मुक्ति पाने के लिए। काले चनें 1-1/4 किलो शुक्रवार रात्रि पानी में भिगी दें। शनिवार प्रात: पानी वाली हंडिया में अपना चेहरा देखकर चने काले घोड़े को खिलाएं व पानी पीपल के पेड़ पर डाल दें।
9 जोड़ों के दर्द व वायू दोष दूर करने हेतु। शनिवार को 1-1/4 किलो आलू व बैंगन की सब्जी सरसों के तेल में बनाएं। इतनी ही पूरियां सरसों के तेल में बनाएं। रविवार को अंधे लगंड़े व गरीब लोगों को यह भोजन खिलाएं।
10 शनि कृपा प्राप्त करन के लिए 27 किलो गुलाब जामुन पर एक लौंग फूल वाली चोभोकर शनिवार को जमुना नदी में प्रवाहित करें।
11 मनोवांच्छित ट्रांसफर पाने के लिये सूर्य को जल तांबे के बर्तन में 22 दिन तक लगातार दें। 22 लाल मिर्च के बीज पानी में डालकर प्रात: सूर्य को जल दें।
12 रोग दूर करने के लिये पानी का नारियल सिर से तीन बार उलटा घुमाकर सूर्य की ओर रोगी देखें व सामने देखें व सामने ही फोड़े दे।
13 सरदर्द व वायरल बुखार से मुक्ति हेतु 11 पानी वाले नारियल सिर से उलटा घुमाकर शिवजी के मंदिर जायें, वहीं शिवलिंग के पास जमीन पर फोड़कर जल (नारियल का) शिवलिंग पर चढ़ा दें।
14 मनोवांच्छित वर या वधु पाने के लिए पांच पीठे पान बनवाकर शिव मंदिर में पहले गणेश जी को दे फिर मां पार्वती को दे तीसरा पान स्वामी कार्तिकेय का व चौथा पान नंदी जी को दे। 5वां पान शिवलिंग पर चढ़ा दें।
15 लक्ष्मी प्राप्ति के लिए दूध में घी, शहद व दही मिलाकर शिवलिंग पर एक आंवला रखें ऊपर से दूध चढ़ा दें। आंवले का मुरब्बा एक पीस शिवलिंग पर रखें व ऊपर से दूध चढ़ाएं।
16 पढ़ाई में अच्छे नंबर पाने के लिए। बच्चे मोर मुकुट का चांदा अपनी पुस्तकों में रखें। NE दिशा में एक बांसुरी लटकायें बांसुरी पर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय। रौली व सिंदूर से लिखें।
17 स्मृति तेज करने के लिये। बच्चों को प्रात: एक आंवले का मुब्बा रोज खाने को दें। ऊपर से दूध पीये। क्रोध कम होगा व पढ़ाई में ध्यान बढ़ेगा।
18 ऊपरी बाधा दूर करने के लिए। अंडा लेकर रोगी के ऊपर से 11 बार घुमाकर (उलटा) उतारें। अंडे पर काली स्याही से मकड़ी का जाला बनायें। अंडा नदी में बहा दें।
19 मिरगी का दौरा दूर करने के लिए। एक तौला असली हींग काले कपड़े में सीकर ताबीज जैसा बनाकर शनिवार के दिन गले में पहनने से मृगी (मिरगी) का दौरा नहीं पड़ाता है। ऊपरी बाधाएं भी शांत हो जाती हैं।
20. हार्ट अटैक दूर करने के लिये। हृदय होग निवारण (दूर) के लिये माणिक्य RING FINGER में दांये हाथ में तथा पन्ना 6 रत्ती का लाकेट बनाकर गले में बुधवार को धारण करें। मानसिक बीमारियां भी ठीक हो जाएगी।
21 अपना घर बनाने के लिये। मकान बनवाने या खरीदने से पूर्व भैंसा का दान करें, तथा पुष्य नक्षत्र में ही मकान की नींव रखें या निर्माण करें। वास्तु पूजन अवश्य करायें।
22 हृदय रोग दूर कनरे के लिए। हृदय रोग निवारण के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष गले में धारण करें। पांच मुखी रुद्राक्ष, एक लाल रंग का हकीक पत्थर, ½ मीटर लाल कपड़ा, 8 लाल मिर्चें-इन सबकों कपड़े में रखकर रोगी के सिर से तीन बार घुमाकर बहते पानी में रविवार को वहा दें।
23 आशीर्वाद फलीभूत होने के लिये भूलकर भी बच्चों को गालियां न दें। न ही कोसें। अक्सर माता-पिता बच्चों को उनकी आज्ञा न मानने पर, पढ़ाई न पढ़ने पर कहते है कि तू न ही होता तो अच्छा था, या घर से चला जा, मर ही जाये तो अच्छा था। यह विनाशकारी श्राप भूल से भी न दें। याद रखें 10 आशीर्वादों को मात्र एक श्राप नष्ट कर देता है।
24 कोर्ट-कचहरी में मुकद्दमा जीतने के लिये। मुकद्दमे में जीत के लिए NORHT-EAST कोने में मंदिर बनाकर मुकद्दमें की फाइलें पूजा के स्थान पर ही रखें। यदि आप सच्चें हैं तो मुकद्दमें का फैसला आपके पक्ष में ही होगा।
25 शीघ्र विवाह करने हेतु पुखराज पांच रत्ती चांदी या गोल्ड की अंगूठी में INDEX FINGER में गुरुवार को पहने। तथा फिरोज सात रत्ती चांदी में मढ़वाकर शुक्रवार को दाहिने हाथ की छोटी अंगुली में पहने। शीघ्र विवाह होने के अवसर होंगे।
26 मनचाहा विवाह करने हेतु ‘केले की जड़’ का टुकड़ा, एकादशी तिथि को ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र से 108 बार बोलकर गले में ‘ताबीज’ बनाकर बुधवार को प्रात: पहने। विवाह मनपसंद होगा।
27 मंगलीक दोष दूर करने मंगलीक दोष दूर करने के लिये प्रत्येक मंगलवार को वट वृक्ष की जड़ पर मीठा दूध चढ़ायें। भीगी मिट्टी से माथे में तिलक लगायें।
28 पढ़ाई में अच्छे नंबर व सफलता पाने हेतु पढ़ाई में अच्छे नंबर व सफलता के लिये करे ये प्रयोग बंदर को मीठी रोटी, केले व गुड़ चना मंगलवार को खिलाएं। NORHT-EAST कोण में एक बांसुरी रौली व तिलक लगाकर लगायें। पांच रत्ती का मूंगा लाकेट बनाकर मंगलवार को बच्चे के गले में पहनायें। गरीब बच्चों को मुफ्त पुस्तकें बांटे।
29 परस्पर प्रेम वृद्धि के लिए पति-पत्नी के कलेश दूर करने के लिये तथा प्रेम की वृद्धि के लिये पति दायें हाथ की RING FINGER में हीरा 30 CENT या सफेद पुखराज पांच रत्ती का शुक्रवार व बृहस्पतिवार को पहने। पत्नी बायें हाथ की RING FINGER में पांच रत्ती का मोती चांदी या गोल्ड में सोमवार को पहने।
30 दरिद्रता दूर व कर्जा मुक्ति हेतु दरिद्रता दूर करने के लिए, कर्जा उतारने के लिये पुरुष दायें हाथ की INDEX अंगुली में ‘पीला पुखराज’ पहने तथा बायें हाथ की छोटी अंगुली में मोती पांच रत्ती का चांदी में सोमवार को पहने। व एक माला जाप करें। ‘ऊँ श्रीं श्रियै नम:’।
31 कोर्ट-कचहरी व मुकद्दमा में विजय हेतु मुकद्दमा में विजय के लिये यदि आप सच्चे हैं तो दायें हाथ की RING FINGER में माणिक्य RUBY 6 रत्ती का रविवार को पहने व ‘पीला पूखराज’ लाकेट गले में पहने।
32 नौकरी में प्रमोशन व राजनीतिक जीत हेतु नौकरी में प्रमोशन व राजनीतिक जीत के लिये दायें हाथ की छोटी अंगुली में 6 रत्ती का पन्ना चांदी या गोल्ड में पहने। (बुधवार को) गले में माणिक्य 6 रत्ती का लॉकेट बनाकर पहने। (रविवार को प्रात:) एक माला स्फटिक की माला से ‘ऊँ आदित्याय नम:’ जप करें।
33 मीडिया व मॉडलिंग में सफलता प्राप्त हेतु मीडिया क्षेत्र में, मॉडलिंग के क्षेत्र में या फिल्म के क्षेत्र में अपार सफलता के लिये दाये हाथ की RING FINGER में हीरा 30 CENT शुक्रवार को चांदी या गोल्ड में पहने। तथा ‘ऊँ राधेकृष्णाय नम:’ की एक माला जाप रोज करें।
34 शत्रुता के मित्रता बदलने हेतु शत्रुता को मित्रता में बदलने के लिये शनिवार को भोजपत्र पर लाल रौली से शत्रु का नाम लिखकर शहद की शीशी में डूबो देना चाहिये।
35 संतान व सुख प्राप्ति हेतु संतान सुख की प्राप्ति के लिये पुरुष दायें हाथ INDEX FINGER में 6 रत्ती का पुखराज बृहस्पतिवार को पहने।
36 विद्या प्राप्ति हेतु विद्या की प्राप्ति के लिए व मंगलीक प्रभाव दूर करने के लिये एक पाव कच्चा दूध सिर से 3 बार उलटा घुमाकर मिट्टी के बर्तन में डालकर काले, लाल किसी भी कुत्ते को मंगल को खिलाएं।
37 हृदय रोग से बचने हेतु हृदय रोग से बचाव के लिये पांच मुखी रुद्राक्ष, काले डोरे में डालकर गले में ‘ऊँ जूं स:’ 108 बार बोलकर सोमवार को धारण करें। पांच मुखी रुद्राक्ष, एक लाल हकीक, एक मीटर लाल कपड़े में बांधकर रोगी के सिर से 21 बार उलटा घुमाकर रविवार को बहते पानी में बहायें ।
38 शनि की साढे-साती दूर करने हेतु मोरपंख का चंदोबा रवि-पुष्य नक्षत्र में काटकर अपनी जेब में रखने से मान-सम्मान में वृद्धि व दरिद्रता दूर होती है तथा शनि का साड़े-साती का प्रभाव दूर होता है।
39 लक्ष्मी की वृद्धि हेतु नये मकान के प्रवेश द्वार पर कौड़ियों का तोरण द्वार लटकाने से ऊपरी बाधायें दूर होती हैं। नजर-टोना नहीं होता है। लक्ष्मी की वृद्धि होती है।
40 मांगलिक दोष दूर हेतु हाथी दांत के गणपति की सदैव पूजा करने से मांगलीक दोष दूर होता है। आर्थिक संपन्नता बढ़ती है। विद्या के क्षेत्र में विशेष लाभ होता है।
41 आधा सीसी का दर्द दूर करन हेतु आधा सीसी का दर्द काली मिर्च के 12 बीज, नीम की पत्तियां-12, चावल के-12 दाने। इनको सिलवटे पर 3 या 4 बूंद पानी मिलाकर दवा बनायें। सूर्योदय से पूर्व 5 मिनट तक इस दवा को सूंघे। 12 दिन तक यह प्रयोग करने से आधा-सिर का दर्द हमेशा के लिये दूर हो जाता है।
42 नौकरी व प्रमोशन प्राप्त करने तथा अच्छें अंक प्राप्त करने के लिये माता-पिता को पार्वती व शिव जानकर उन्हें बैठायें। हाथ में पुष्प लेकर माता-पिता के तीन चक्कर लगायें। स्वयं को गणेश का रूप समझकर उनके चरणों में पुष्प चढ़ायें व नौकरी प्राप्त करन का, प्रमोशन प्राप्त करने का तथा विद्या के क्षेत्र में अच्छे नंबर प्राप्त करने के लिये दंडवत प्रणाम करें।
43 मिरगी का दौरा पड़ना बंद करने हेतु गाय के बायें सींग की या जंगली सूअर के नाखून की अंगूठी बनाकर दाहिने हाथ की छोटी अंगुली में पहनने से मिरगी का दौरा पड़ना बंद हो जाती है।
44 मोटापा कम करने हेतु रांगा धातु की अंगूठी दाहिने हाथ की बड़ी अंगुली में पहनने से मोटापा कम हो जाता है। चर्बी कम बनती हैं।
45 ग्राहक अधिक आने व दरिद्रता दूर हेतु शनिवार की शाम दायें हाथ में एक साबुत सुपारी व तांबे का सिक्का पीपल के पेड़ के नीचे रखें। रविवार को उसी पीपल का एक पत्ता लाकर रौली से पत्ते पर ‘श्रीं’ लिखें व अपनी गद्दी के नीचे रखें या सेफ में रखें। ग्राहक अधिक आयेंगे। दरिद्रता दूर होगी।
46 टोने-टोटके से मुक्ति हेतु काले घोड़े की नाल या अंगूठी ‘कृत्तिका नक्षत्र’ वालें दिन घर के प्रवेश द्वार या अंगुली में धारण करने से किसी के किये टोने-टोटके से मुक्ति प्राप्त होती है।
47 आर्थिक लाभ प्राप्ति हेतु पीतल के लोटे में जल व गाय का दूध मिलाकर शुक्ल पक्ष में सिरहाने रखकर सो जायें। प्रात: यह दूध मिश्रित जल पीपल वृक्ष पर श्रद्धापूर्वक चढ़ा दें। यह उपाय 11 दिन तक लगातार करें। सोमवार से यह प्रयोग आरंभ करें आर्थिक लाभ निश्चित होगा।
48 नौकरी प्राप्ति व व्यापार में लाभ हेतु पीतल के लोटे में गंगा जल भरकर ‘चांदी’ व सोने की धातुए डालकर सिर से ऊपर के स्थान पर NORTH+ EAST (ईषान) स्थान पर रखें। तथा ‘ऊँ गंगाधराय नम:’ मंत्र को 11 बार बोलें। ऊपरी बाधायें दूर होती है धन की वृद्धि होती है। नौकरी के अवसर मिलते है व्यापार में लाभ होता है।
49 घुटनों के दर्द व वायु विकार दूर करने हेतु शुद्ध पेट्रोल लेकर, दोनों हथेलियों के बीच पेट्रोल डालकर, दोनों घुटनों पर हथेलियों से मलते हुए 11 बार निम्न मंत्र बोलने से 40 दिन के अंतर समस्त घुटनों के दर्द, वायु विकार दूर हो जाता है। मंत्र- नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत् वीरा।
50 पढ़ाई में एकाग्रता, ऊपरी बाधाओं मुक्ति व स्वास्थ्य लाभ प्राप्ति के लिए मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर से सिंदूर का चोला चढ़ायें तथा मंदिर के ऊपर एक झंडा लाल रंग का लगा दें। झंडे के बीच में सिंदूर से लिखें ‘श्रीराम’। तथा नीचे सिंदूर से लिखें ‘बल बुद्धि विद्या देहु, मोरि हरक कलेश विकार’। पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ेगी, ऊपरी बाधायें दूर होगी। स्वास्थ्य लाभ होगा।
51 शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार से साढ़ेसाती का दुश्प्रभाव कम करने के लिए 1-1/4 किलो काले चने लोहे की नयी बाल्टी में डाल दें। पानी से भर दें। शुक्रवार की रात्रि यह प्रयोग करें। शनिवार की प्रात: उस पानी वाली बाल्टी में अपनी छाया देखें। पानी घर के बाहर पीपल के पेड़ पर डालें। चनें बहुत शुद्ध पानी में, 1 मुट्ठी ‘ऊँ सूर्य पुत्राय नम:’ कहकर प्रवाहित करें। जब तक चने समाप्त न हो यह प्रयोग जारी रखें। बाल्टी किसी शनि के दान मागने वाले का 1-1/4 किलो सरसों के तेल डालकर, कुछ सिक्के डालकर दान करें
अच्छे भाग्य के लिए लाल किताब के उपाय
(1) अपने आस पास रहने वाले भूखे व्यक्ति और जीव जन्तुओ को उनके प्रिय भोजन कराये | वे उस भोजन से जैसे जैसे संतुष्ट होंगे आपका भाग्य वैसे ही चमकने लगेगा |
( 2 ) व्यक्ति को नशे की लत , माँस और तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए | अच्छे विचार के साथ जीवन जीना चाहिए | अपने गुस्से और वाणी पर नियंत्रण रखे |
(3 ) घर से जब भी काम के लिए निकले , अपने आराध्य से अच्छे और मंगल दिन की कामना करे |
(4) शनिवार को शनि पूजा किसी मंदिर में जाकर करे | वहा किसी जरूरतमंद को भोजन कराये , वस्त्र दे और पाने चप्पल भी जरुर दान दे | इसके आपका दुर्भाग्य भी चलता बनेगा |
कैसे लाये लक्ष्मी को लाल किताब से
यदि घर की मालकिन सुबह उठाकर सबसे पहले अपने आँगन को धोती है , तो यह लक्ष्मी माँ को घर में आने का निमंत्रण होता है |
लाल किताब के घरेलु टोटके और उपाय
(1) कभी भी अग्नि और जल को लांघे नही | यह देवता समान है |
(2) किसी निर्जन जगह या जंगल में किसी भी पेड़ के ऊपर पेशाब ना करे |
(3) हाथ से गिरा हुआ और जमीन पर पड़ा हुई खाने की चीज को ना तो खुद खाए और ना ही दुसरो को खाने दे |
(4) महिलाओ को पीरियड के समय चौराहे से दूर रहना चाहिए वरन उन्हें काली शक्तियाँ मिल सकती है |
(5) पीपल , मेहंदी , बरगद के पेड़ के निचे संध्या के बाद कोई मीठी चीज नही खानी चाहिए |
(6) अन्न का कभी अपमान ना करे |
(7) अमावस्या के दिन अच्छे से घर की सफाई करे और सुबह और शाम को गूगल की धुप से घर में खुशबु फैलाये | यह लाल किताब का उपाय घर को बीमारी से दूर रखता है |
(8) घर के अग्नि कोन में पानी की कोई टंकी नही होनी चाहिए | यह जगह वास्तु शास्त्र से अग्नि देव की है | यहा आप लाल रंग का हमेशा बल्ब जला करे रखे |
लंकापति रावण
लंकापति रावण को दुनिया रामायण के सबसे नकारात्मक किरदार के रूप में जानती है। सीता का हरण करना रावण के जीवन की सबसे बड़ी भूल साबित हुई। अपनी इस गलती की वजह से उसे अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा। असुर सम्राट होने के बावजूद रावण एक महान ज्योतिष शास्त्री और प्रकांड पंडित था।
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सौरमंडल
कहा जाता है सौरमंडल के सभी ग्रह रावण के ही इशारे पर चलते थे। कोई भी ग्रह रावण की मर्जी के विरुद्ध कार्य नहीं कर सकता था। जब मेघनाद, अपनी माता की गर्भ में था तब रावण ने सभी ग्रहों को एक निश्चित स्थिति में रहने का आदेश दे दिया था, ताकि उनका पुत्र यशस्वी और महान योद्धा के रूप में जन्म ले।
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शनि देव
सभी ग्रहों ने रावण के निर्देशानुसार कार्य किया लेकिन आयु के कारक कहे जाने वाले शनि देव ने ठीक उसी समय अपनी स्थिति को परिवर्तित कर लिया जब मेघनाद जन्म लेने वाला था। इस वजह से वह यशस्वी, महान पराक्रमी, अविजित योद्धा तो बना लेकिन वह अल्पायु हो गया।
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खगोलविज्ञान और ज्योतिष विज्ञान
रावण ने खगोलविज्ञान और ज्योतिष विज्ञान में महारथ हासिल की थी, साथ ही वह तंत्र का भी ज्ञाता था। अपने ज्ञान को उसने रावण संहिता में संरक्षित किया था, जिसके सिद्धांतों को आज भी स्वीकारा जाता है।
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रावण संहिता
आज हम आपको रावण संहिता के अंतर्गत मौजूद कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जो वाकई आपके भाग्य को चमकाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
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धन प्राप्ति
धन प्राप्ति के इच्छुक लोगों को सुबह जल्दी उठना चाहिए। अपने नित्य कर्मों से निवृत्त होकर, नदी या जलाशय किनारे जाकर स्नान करना चाहिए। स्नान करने के पश्चात किसी वट वृक्ष के नीचे किसी शांत स्थान पर चमड़े का आसन बिछाकर उस पर बैठना चाहिए।
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रुद्राक्ष की माला
इस आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा मंत्र का जाप अधिक से अधिक बार तक करना चाहिए। 21 दिनों तक लगातार यही मंत्र जपते रहने के बाद जैसे ही आप यह मंत्र सिद्ध कर लेंगे आपके जीवन में धन प्राप्ति के योग बनने लगेंगे।
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धन प्राप्ति में रुकावट
धन प्राप्ति में बार-बार रुकावटों का सामना कर रहे लोगों को लगातार 40 दिनों तक ॐ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा मंत्र का जाप करना चाहिए।
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महालक्ष्मी
यह महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तांत्रिक उपाय है। इस मंत्र का नियमित जाप करने पर, मात्र कुछ ही दिनों के भीतर ही धन आगमन से जुड़ी समस्या का निदान हो जाएगा। आपको नियमित तौर पर इस मंत्र की एक माला अवश्य करनी चाहिए।
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मध्यरात्रि
किसी भी शुभ अवसर जैसे अक्षय तृतीया, दीपावली, होली आदि की मध्यरात्रि में यह उपाय विशेष फलदायी रहेगा। कुमकुम के द्वारा थाली पर ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम: लिखें।
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कमल गट्टे की माला
लिखने के साथ-साथ रुद्राक्ष या कमल गट्टे की माला से इस मंत्र का जाप भी करते रहें। दीपावली की रात करने पर यह मंत्र विशेष फल प्रदान करता है। नियमित तौर पर 108 बार तो आपको इस मंत्र का जाप करना ही चाहिए, इसके अलावा आपको अपनी श्रद्धानुसार मंत्र जाप को बढ़ा देना चाहिए।
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दीपावली की रात
यदि आप हर ओर से धन कमाना चाहते हैं तो आपको दीपावली की रात यह उपाय अवश्य करना चाहिए। इस उपाय के अनुसार आपको दीपावली की रात पूरे विधि-विधान से महालक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए।
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सुबह उठने के बाद
उसके अगले दिन सुबह उठने के बाद और पलंग से उतरने से पहले आपको 108 बार ॐ नमो भगवती पद्म पदमावी ऊँ ह्रीं ऊँ ऊँ पूर्वाय दक्षिणाय उत्तराय आष पूरय सर्वजन वश्य कुरु कुरु स्वाहा मंत्र का जाप करना चाहिए।
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मंत्र जाप
मंत्र जाप पूरा करने के बाद दसों दिशाओं में दस-दस बार फूंक मारें। इस उपाय को पूरी तन्मयता के साथ करने वाले जातक के जीवन में धन की वर्षा होने लगती है।
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धन कुबेर
यदि आप धन कुबेर की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा मंत्र का जाप करना चाहिए।
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धन लक्ष्मी कौड़ी
मंत्रों का जाप करते समय धन लक्ष्मी कौड़ी को अपने पास अवश्य रखें। तीन माह तक लगातार इस मंत्र का जाप करने के बाद उस कौड़ी को तिजोरी में रख दें।
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आकर्षण का केन्द्र
अगर आप अपने समाज या ऑफिस के लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बनना चाहते हैं तो आप बिजौरा नींबू या बिल्व पत्र को बकरी के दूध के साथ पीसकर अपने माथे पर लगाकर बाहर निकलें। आपका आकर्षण जरूर बढ़ेगा।
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रुतबा
अपामार्ग के बीज को बकरी के दूध के साथ पीसकर लेप बना लें और इस लेप को अपने माथे पर लगाएं। ऐसा करने से समाज में आपका रुतबा बढ़ेगा और लोग आपकी बातों को मानेंगे।
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सफेद गाय
सफेद गाय के दूध में सफेद आंकड़े के सूखे फूल को पीसकर बनाए गए लेप को माथे पर लगाने से समाज में वर्चस्व बढ़ता है।
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दूर्वा घास
पुराणों में दूर्वा घास को चमत्कारी माना गया है। दूर्वा घास और सफेद गाय को मिलाकर बनाए गए लेप को माथे पर लगाने से हर काम में सफलता प्राप्त होती है।
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