Friday, June 7, 2019

शिव वास निकाले

शिव वास देखने का सूत्र

शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक तिथियों की कुल संख्या 30 होती है । इस तरह से कोई भी मुहूर्त देखने के लिए 1 से 30 तक की संख्या को ही लेना चाहिए ।।
तिथी च द्विगुणी कृत्वा तामे पञ्च समाजयेत ।।
सप्तभि (मुनिभिः) हरेद्भागं शेषे शिव वाससं ।।
एक शेषे तू कैलाशे, द्वितीये गौरी संनिधौ ।।
तृतीये वृष भारुढौ सभायां च चतुर्थके ।।
पंचमे तू क्रीडायां भोजने च षष्टकं ।।
सप्तमे श्मशाने च शिववास: प्रकीर्तितः ।।
अर्थ:- तिथि को दुगुना करें,
उसमे पांच को जोड़ देना चाहिए,
कुल योग में, 7 का भाग देने पर, 1.2.3. शेष बचे तो इच्छा पूर्ति होता है,
शिववास अच्छा बनता है । बाकि बचे तो हानिकारक होता है, शुभ नहीं है ।।
इसे इस प्रकार समझना चाहिए ...
१.कैलाश अर्थात = सुख,
२. गौरिसंग = सुख एवं संपत्ति,
३.वृषभारूढ = अभिष्ट्सिद्धि
, ४.सभा = सन्ताप,
५.भोजन = पीड़ा,
६.क्रीड़ा = कष्ट,
७.श्मशाने = मरण ।।

        पं. संतोष तिवारी
6299953415

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