Sunday, June 23, 2019

16-17 जुलाई को चन्द्र ग्रहण 🌑

चंद्र ग्रहण 17 जुलाई को लगने वाला है। जिसका सूतक काल 16 जुलाई को भारतीय समय के अनुसार दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से शुरू हो जाएगा। बता दें कि यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जिसे भारत में भी देखा जा सकेगा। आगे जानते हैं इस चंद्र ग्रहण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी। इस साल 17 जुलाई को लगने वाले चंद्र ग्रहण की शुरुआत 16 जुलाई को दोपहर 03 बजकार 55 मिनट पर सूतक लगने के साथ होगी।

चंद्र ग्रहण प्रारंभ: 17 जुलाई 2019 रात्रि 01:32 बजे
सूतक काल की शुरुआत- 16 जुलाई दोपहर 03:55 बजे
ग्रहण समाप्त – 17 जुलाई 2019 शाम 04:29 बजे
बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों के लिए सूतक आरंभ- 16 जुलाई 2019 रात्रि 09:55 बजे
सूतक की समाप्ति: 17 जुलाई शाम 04:29 बजे।

खंडग्रास चंद्रग्रहण- वर्ष 2019 का दूसरा ग्रहण चंद्रग्रहण होगा, जो 16 जुलाई 2019 को लगेगा। यह खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह ग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र एवं धनु-मकर राशि पर मान्य होगा। ग्रहण का स्पर्श काल रात्रि 1 बजकर 32 मिनट, मध्यकाल रात्रि 3 बजकर 1 मिनट एवं मोक्ष रात्रि 4 बजकर 30 मिनट पर होगा। ग्रहण का पर्वकाल 2 घंटा 58 मिनट का रहेगा।

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें

चंद्र ग्रहण के दौरान रोगी, बुजुर्ग और छोटे बच्चों को छोड़कर घर के अन्य सदस्यों को भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में ऐसा करने की मनाही है।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकालना चाहिए। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ग्रहण की अवधि में वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही है। इसलिए शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
ग्रहण की अवधि में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। साथ ही अपने इष्टदेव का ध्यान करना चाहिए।
ग्रहण-काल में शनि की साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति पाने के लिए शनि मंत्र का जाप और हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना गया है।
कुंडली के मांगलिक दोष से छुटकारा पाने के लिए चंद्र ग्रहण के दिन सुंदरकांड का पाठ करना लाभकारी बताया गया है।
ग्रहण के दिन दान करने की भी मान्यता है। इसके लिए किसी जरूरतमंद को आटा, चावल, चीनी, सफेद कपड़े, साबुत उड़द की दाल, काला तिल और काला वस्त्र दान करना चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार ग्रहों के अशुभ फल को खत्म करने के लिए भी चंद्र ग्रहण शुभ है। इसके लिए ग्रहण काल के दौरान गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, नवग्रह मंत्र, दुर्गा चालीसा, भागवत गीता, विष्णु सहस्त्रनाम आदि का पाठ करना चाहिए।

गुरु पूर्णिमा के दिन 16 जुलाई से अगले दिन तक लगने वाले साल के दूसरे चंद्र ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा. भारत के लोग करीब 3 घंटे तक चंद्र ग्रहण देख करेंगे. 16 जुलाई की रात करीब 1.32 बजे खग्रास चंद्र ग्रहण की शुरुआत होगी और करीब डेढ़ घंटे के बाद इसका मध्य होगा और सुबह 4.30 बजे चंद्र ग्रहण का मोक्ष होगा. इससे पहले 2 जुलाई को पूर्ण सूर्य ग्रहण भी है, लेकिन इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा.

मालूम हो कि सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के बाद आम तौर पर लोग स्नान-ध्यान करते हैं और उसके बाद ही अन्न ग्रहण करते हैं. साल 2019 के दूसरे चंद्र ग्रहण का प्रभाव उज्जैन महाकाल मंदिर समेत देश के प्रमुख मंदिरों पर पड़ेगा और उस दिन पूजा विधि के साथ ही पूजा के समय में भी अंतर देखने को मिलेगा. वहीं 16 जुलाई 2019 को भारत में सभी जगहों पर चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा.

Chandra Grahan 2019: चंद्रग्रहण का धार्मिक महत्व-
चंद्र ग्रहण को धार्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, इसका राशियों पर भी प्रभाव पड़ता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के बाद स्नान ध्यान और दान पुण्य किया जाता है. चंद्र ग्रहण घटित होने के बाद सरोवर में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं. वहीं गेहूं, चावल, दाल, गुड़ चना, वस्त्र, आभूषण जैसी चीजों का दान करने से जीवन में खुशहाली आती है.



Chandra Grahan 2019: चंद्रग्रहण का प्रभाव-
चंद्र ग्रहण का प्रभाव मानव जीवन के साथ-साथ शासन व्यवस्था पर भी देखा जाता है. चंद्र ग्रहण का किसी राज्य या देश की शासन प्रणाली में परिवर्तन देता है. कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली में बदलाव होता है. इसके अलावा वातावरण में भी कई तरह की तब्दीली देखी जाती हैं. बताया जाता है कि चंद्र ग्रहण के पश्चात इंसान की जीवनशैली और उसके व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है. यदि चंद्र ग्रहण के दिन धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से उपाय किए जाएं तो आपका जीवन खुशहाली की ओर बढ़ चलेगा. वहीं यदि चंद्र ग्रहण के दिन गलत उपाय किए जाते हैं तो कई तरह के दोष हमारे जीवन में आ जाते हैं.

ज्योतिष विद्या के मुताबिक चंद्र ग्रहण का प्रभाव भारतीय राजनीति पर भी देखने को मिल सकता है. राजनीति से संबंध रखने वाले लोग जिनकी राशि मेष,वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु व मकर है उन्हें इससे फायदा होगा. चंद्रमा की राशि कर्क में मंगल तथा बुध का गोचर वर्षा ऋतु के चक्र को प्रभावित करने वाला है. यह चंद्रग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण मंगलवार और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पड़ रहा है. इसके प्रभाव से राजनीतिक उथल-पुथल के साथ ही प्राकृतिक आपदा की स्थिति बनने की संभावना है.

क्या होता है चंद्र ग्रहण
जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी छाया में आ जाता है तो उस खगोलीय स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं. ऐसा तभी संभव हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में हों. तो इस तरह चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा को ही घटित हो सकता है. चंद्र ग्रहण शुरू होने के बाद यह पहले काले और फिर धीरे-धीरे लाल रंग में बदल जाता है. सूर्य ग्रहण को आप आंखों पर बिना किसी सुरक्षा के नहीं देख सकते हैं. वहीं इसके उलट चंद्र ग्रहण को आप बिना किसी सुरक्षा के देख सकते हैं.


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