कालेनाग की केंचुली और मांस, छोटी राई, साध्य के बाल, सांप की चर्बी , हरताल , पीली सरसों, चन्दन , बबूल की लकड़ी – इनका ‘ॐ सर सर सर सर्प देवाय नमः’ से सात दिन हवन करने से स्त्री-पुरुष सर्प-दोष के हो जाते है। उनमें सांप वाले लक्षण प्रकट हो जाते है।
मैंने उसके पेट –नाभि, मूलाधार पर जमाल गोटा घिसकर लगाया और सात दिन तक ईश्वर मूल के पत्ते (पांच) पीस-पिस कर 24 घंटे में चार बार देना शुरू किया; फिर उसी से अपामार्ग की लकड़ी में हवन करते हुए सात दिन बैठाया – ‘मन्त्र’ ॐ अगस्त ऋषि दवे नमः। – उसे केवल दूध पर रखा।
सात दिन में वह पूरी तरह स्वस्थ था। कमजोरी थी, जिसके लिए अन्य निदान किये गये।
मैंने उसके पेट –नाभि, मूलाधार पर जमाल गोटा घिसकर लगाया और सात दिन तक ईश्वर मूल के पत्ते (पांच) पीस-पिस कर 24 घंटे में चार बार देना शुरू किया; फिर उसी से अपामार्ग की लकड़ी में हवन करते हुए सात दिन बैठाया – ‘मन्त्र’ ॐ अगस्त ऋषि दवे नमः। – उसे केवल दूध पर रखा।
सात दिन में वह पूरी तरह स्वस्थ था। कमजोरी थी, जिसके लिए अन्य निदान किये गये।
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